
इंदौर। शहर के करीब 100 से ज्यादा वर्षों पुराने क्षेत्रों के नक्शे स्वीकृति के मामले मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी नक्शे स्वीकृति के प्रकरण महीनों से अटके पड़े हैं। इसको लेकर कल सभापति ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह मुद्दा उठाया। पिछले कुछ महीने पहले ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में इन्दौर के विकास कार्यों कोलेकर आयोजित बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की थी कि वर्षों पुराने इन्दौर के क्षेत्रों के नक्शे भी जल्द स्वीकृत होंगे और उसके बाद से ही यह मामला विभिन्न कारणों से उलझन में पड़ा हुआ है। इसके लिए निगमायुक्त शिवम वर्मा ने नगर तथा ग्राम निवेश विभाग भोपाल के आयुक्त को और अन्य आला अधिकारियों को पत्र लिखकर इन्दौर की घनी बस्ती, आबादी और मोहल्ला क्षेत्र के भवनों की नक्शा स्वीकृति को लेकर मंजूरी देने की बात कही गई थी, लेकिन उसके बावजूद यह मामला कई दिनों से अटका हुआ है।
देवास नाका से लेकर न्यू देवास रोड, छावनी, अनाज मंडी, खातीपुरा, बिजलपुर सहित करीब सौ से ज्यादा वर्षों पुराने क्षेत्रों के नक्शा मंजूरी के प्रकरण अभी भी अटके हुए हैं, जिसके चलते वहां के रहवासी परेशान हो रहे हैं। कल निगम सभापति मुन्नालाल यादव ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने यह मुद्दा उठाया और मांग की कि नक्शा स्वीकृति की कार्रवाई जल्द से जल्द हो, ताकि लोगों की परेशानी दूर हो सके। इस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी मौजूद थे।
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