
नई दिल्ली। क्या दुनियाभर के शेयर बाजार को एक बार फिर गिरावट का दौर झेलना पड़ सकता है? सवाल एक बार फिर सबकी जुबान पर है, क्योंकि बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरों में फिर से इजाफा कर दिया है। पिछली बार जब बीओजे ने यह फैसला लिया था पूरी दुनिया के बाजार पर इसका असर दिखा था।
बैंक ऑफ जापान ने अपनी प्रमुख ब्याज दर को 0.25% से बढ़ाकर लगभग 0.5% कर दिया है। बैंक ने ऊंची मजदूरी और महंगाई का हवाला देते हुए यह फैसला लिया और कहा कि मुद्रास्फीति वांछनीय लक्ष्य स्तर पर बनी हुई है। केंद्रीय बैंक का यह निर्णय शुक्रवार को टोक्यो में नीतिगत बोर्ड की दो दिवसीय बैठक के बाद आया।
बैंक ऑफ जापान के गवर्नर काजुओ उएदा ने बैठक के बाद में पत्रकारों से बात करते हुए बार-बार संकेत दिया कि यह कदम उठाया जा रहा है। हाल के मूल्य डेटा से पता चलता है कि मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के 2% लक्ष्य के आसपास मंडरा रही है। बैठक के दौरान केंद्रीय बैंक की एक और चिंता वेतन में वृद्धि रही।
हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि जापानी श्रमिकों को बेहतर वेतन मिल रहा है और उन्हें आगामी वार्षिक यूनियन वार्ता में भी ठोस वेतन वृद्धि मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया है कि ब्याज दरों में और वृद्धि हो सकती है, साथ ही उसने इस बात पर भी जोर दिया है कि वह अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए बहुत सतर्क रहन की योजना बना रहा है।
पिछले साल जुलाई में बैंक ऑफ जापान की ओर से ब्याज दरों में इजाफे के बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी। बैंक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर बाजार की प्रतिक्रिया पर भी नजर रख रहा है। बैंक ऑफ जापान ने पिछले वर्ष मार्च में 17 वर्षों में पहली बार ब्याज दर में वृद्धि की थी, जिसके बाद लंबे समय से जारी उनकी नकारात्मक ब्याज दर नीति समाप्त हो गई थी।
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