
इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने राज्य के 17 धार्मिक स्थलों (17 religious places) पर शराब की दुकानें बंद करने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister Digvijay Singh) ने इन स्थलों पर कुछ अन्य चीजें भी बंद करने की मांग कर डाली।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा कि राज्य के धार्मिक स्थलों पर सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि स्मैक जैसे नशीले पदार्थों (Narcotics like smack) की अवैध बिक्री और जुआ-सट्टे पर भी रोक लगनी चाहिए।
महेश्वर में संपन्न राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद दिग्विजय सिंह ने इंदौर में पत्रकारों से कहा कि वह हम धार्मिक स्थलों का सम्मान करते हैं। इन जगहों पर स्मैक नहीं बिकनी चाहिए और जुआ-सट्टा भी नहीं चलना चाहिए। भाजपा से संबंधित ठेकेदारों को भी इस बारे में सोचना चाहिए।
दिग्विजय ने देश के कई राज्यों में शराबबंदी के प्रयोगों की कामयाबी पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा कि गुजरात और बिहार जैसे शराबबंदी वाले राज्यों में शराब पीने वाले लोगों के लिए सबसे आसान और अच्छी व्यवस्था है। दोनों सूबों में शराब की घर-घर आपूर्ति हो जाती है।
दिग्वजय ने मध्य प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में भोपाल के यूनियन कार्बाइड के 337 टन कचरे के निपटारे की राज्य सरकार की योजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह कचरा पिछले 40 साल से भोपाल में पड़ा था। इस कचरे को पीथमपुर लाने की क्या जरूरत थी? इसे वहीं (यूनियन कार्बाइड कारखाना परिसर) गाड़कर खत्म कर दिया जाना चाहिए था। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उन्हें जानकारी मिली है कि कोई बिल्डर यूनियन कार्बाइड कारखाना परिसर की कीमती जमीन खाली कराना चाहता था, इसलिए कारखाने के कचरे को पीथमपुर भेज दिया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि कांग्रेस में गुटबाजी का कैंसर है। अगर हम गुटबाजी के इस कैंसर को खत्म नहीं करेंगे, तो हम खत्म हो जाएंगे। पटवारी के बयान पर दिग्विजय ने कहा कि अगर पटवारी ने कुछ कहा है तो सोच-समझकर ही कहा होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि इंदौर के स्थानीय प्रशासन ने शहर के पिपल्याहाना क्षेत्र में सरकारी जमीन पर स्थापित डॉ. बीआर आंबेडकर और संत रविदास महाराज की प्रतिमाएं असम्मानजनक तरीके से हटा दीं। दिग्विजय ने कहा कि यह घटना भाजपा सरकार की मानसिकता दिखाती है।
प्रशासन के एक अधिकारी ने दावा किया कि अज्ञात लोगों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के प्रयास के तहत रातों-रात दो अवैध चबूतरे बनाकर आंबेडकर और रविदास की प्रतिमाएं स्थापित की थीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने ये प्रतिमाएं हटाते हुए अतिक्रमण का प्रयास नाकाम कर दिया।
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