
नई दिल्ली: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोर-शोर से जारी है. आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया और दिल्ली पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की गरीब जनता से पूछना चाहता हूं कि 25000 रुपये का बर्डन उठा सकते हो तो बीजेपी को वोट दे दो. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि ये चुनाव दिल्ली को बचाने का चुनाव है. मगर अब मुझे लगता है कि ये चुनाव दिल्ली को ही नहीं देश को बचाने का चुनाव है. जनता को तय करना है कि देश का, राज्य का सरकारी पैसा कहां खर्च होना चाहिए.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता टैक्स देती है. बाजार से भिखारी माचिस भी खरीदता तो उस पर GST लगता है. जो सरकार पैसे इकट्ठा करती है, इसको कैसे खर्च किया जाए सरकार ये तय करती है. इस पैसे से अस्पताल, स्कूल, फ्री बस यात्रा, बिजली दी जाएं. दूसरा तरीका है अपने अरबपति दोस्तों के ऊपर ये पैसा खर्च किया जाए. दोस्तों को कर्ज दिया जाए और कुछ समय बाद उस कर्ज को माफ कर दिया जाए. केजरीवाल ने कहा कि जन कल्याण पर पैसा खर्च हो. इसे मै केजरीवाल मॉडल बोलूंगा, जो दोस्तों पर खर्च होना चाहिए उसे बीजेपी मॉडल बोलूंगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 5 साल में अपने 400-500 लोगों का 10 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए. एक व्यक्ति ऐसा है, जिस पर 47000 करोड़ का कर्जा था. उसको 400-500 करोड़ में निपटा दिया. एक दोस्त का 6500 करोड़ कर्ज 5000 करोड़ माफ कर दिया. ये पैसा आपका पैसा है. इस देश का भिखारी टैक्स देता है. मिडिल क्लास का पैसा है, उसकी सैलरी से जाता है. दो ही दोस्तों के पचास हजार करोड़ माफ कर दिए. 50 हजार करोड़ में सब आ जाएगा. एक मॉडल है AAP का मॉडल. जिसमें फ्री बिजली-पानी, अच्छे स्कूल, अस्पताल दो. फ्री इलाज दो, बस यात्रा फ्री करो, 2100 रुपए हाथ में रखो, ये है AAP का मॉडल है.
दिल्ली में अगर बीजेपी आ जाएगी तो फ्री अस्पताल में इलाज, स्कूल बंद कर दिए जाएंगे. फ्री बिजली पानी, फ्री बस यात्रा बंद कर दी जाएगी. राजस्थान में 550 स्कूल बंद कर दिए. मैं दिल्ली की गरीब जनता से पूछना चाहता हूं कि 25000 रुपये का बर्डन उठा सकते हो तो बीजेपी को वोट दे दो. दिल्ली में रहने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार जरूरी है. इन्होंने जानबूझकर ताना-बाना बुना है फ़्रीबी कहकर कि मिडिल क्लास को गिल्ट में डाल दिया है. अच्छे स्कूल, अस्पताल में अच्छी व्यवस्था है, तो लोग कहते हैं कि नहीं फ्रीबी नहीं चाहिए. देश के मिडिल क्लास को मानसिक गुलाम बनाया जा रहा है और सारा पैसा अपने दोस्तों पर उड़ाया जा रहा है. ये सरकारी पैसे की गंगा है. ये गंगा जनता की तरफ जानी चाहिए या 400 अरबपति दोस्तों की तरफ जानी चाहिए ये चुनने का चुनाव है.
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