
नई दिल्ली । प्रदर्शनकारी किसान (protesting farmers)खनौरी और शंभू बॉर्डर पर एक बार फिर से महापंचायत(Mahapanchayat) करने वाले हैं। आंदोलनकारी संघों किसान मजदूर मोर्चा (Protesting Unions Kisan Mazdoor Morcha) और संयुक्त किसान यूनियन (United Farmers Union) ने क्रमशः 12 और 13 फरवरी को महापंचायत बुलाई है। यूनियनों की ओर से कहा गया कि ये महापंचायतें किसान आंदोलन 2.0 के एक साल पूरा होने के मौके पर होंगी, जो कि बीते वर्ष 13 फरवरी को शुरू हुआ था। इन दोनों विरोध स्थलों पर हजारों किसान महापंचायत में भाग ले सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान आएं, इसके लिए पंजाब और हरियाणा के गांवों में दोनों महापंचायतों की ओर से जागरूकता बढ़ाई जा रही है।
पिछले साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान डेरा डाले हुए हैं। वे अपनी फसलों के लिए कानूनी एमएसपी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर आए हैं। सुरक्षा बलों की ओर से उन्हें दिल्ली तक मार्च करने की इजाजत नहीं दी गई। ऐसे में उन्होंने वहीं पर अपने तंबू गाड़ दिए। मालूम हो कि 14 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ किसानों की अहम बैठक होनी है, जिससे पहले ये महापंचायतें आयोजित की जा रही हैं। किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि सरकार के साथ मीटिंग से पहले महापंचायतें किसान यूनियनों का शक्ति प्रदर्शन होंगी।
प्रदर्शनकारी किसानों की क्या हैं मांगें
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले विभिन्न संगठनों के किसानों ने 26 जनवरी को अपनी मांगों के समर्थन में पंजाब में कई स्थानों पर ट्रैक्टर परेड निकाली। इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए व्यापक ऋण माफी योजना, बिजली का निजीकरण बंद किया जाना, एग्रिकल्चर मार्केटिंग पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा को वापस लेना और ऋण माफी समेत अन्य मांगें शामिल हैं। किसानों की मांगों को उजागर करने के लिए एसकेएम के वरिष्ठ नेताओं सहित सैकड़ों किसानों ने ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा लिया। कुछ स्थानों पर उनके ट्रैक्टरों पर काले झंडे प्रमुखता से लगाए गए थे।
डल्लेवाल का अनिश्चितकालीन अनशन
कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रिय रंजन के नेतृत्व में केंद्र सरकार के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल में एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम को अपनी मांगों पर चर्चा के लिए 14 फरवरी को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया था। इसके बाद एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता ली, लेकिन उन्होंने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर 26 नवंबर से शुरू किया गया अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त नहीं किया। इस बीच, ताजा बयान में कहा गया कि एसकेएम की 6 सदस्यीय समिति एसकेएम (गैर-राजनीतिक)-केएमएम के साथ कार्रवाई का समन्वय करने का प्रयास करेगी। इन मंचों के बीच समन्वय बैठक 12 फरवरी को चंडीगढ़ में होगी।
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