
नई दिल्ली । दिल्ली (Delhi) में 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से ऐन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा देने वाले सभी 8 विधायक आज शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। इन विधायकों में महरौली विधायक नरेश यादव (Naresh Yadav) भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ भाजपा ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था और उन्हें सजा होने को लेकर केजरीवाल पर खूब निशाना साधा था।
दरअसल कुरान अपमान मामले में पिछले साल पंजाब की एक अदालत ने यादव को दो साल की सजा सुनाई गई थी। तब भाजपा ने भी इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए केजरीवाल के घर के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था और यादव को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की थी। इसी मामले की वजह से लोगों का विरोध देखते हुए AAP ने यादव का टिकट भी काट दिया था।
यादव को सजा सुनाए जाने के बाद दिल्ली भाजपा ने आम आदमी पार्टी की घेराबंदी करते हुए पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरना प्रदर्शन किया था। पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के बैनर तले हुए इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाजपा नेता व मुस्लिम कार्यकर्ता शामिल हुए थे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने महिला-पुरुषों ने अपने हाथों में ‘पवित्र कुरान का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ और ‘कुरान का किया केजरीवाल के विधायक ने अपमान, माफी मांगो’ जैसे नारे लिखी हुई तख्तियां ले रखी थीं।
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने तब इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘हिंदुस्तान में हर मजहब के लोग अपनी-अपनी इबादत करते हैं और यहां सभी धर्मों का आदर होता है, लेकिन AAP के विधायक ने पवित्र कुरान शरीफ का अपमान किया, जिसके लिए कोर्ट ने सजा भी सुनाई है। लेकिन इस मुद्दे पर सभी चुप हैं, क्योंकि इनके लिए मुस्लिम समाज केवल वोट बैंक है।’ हालांकि यादव अब उसी भाजपा की गोद में जाकर बैठ गए हैं, जिन्होंने कुरान के अपमान और उन्हें सजा मिलने को बड़ा मुद्दा बनाया था।
कुरान की बेअदबी का यह मामला करीब साढ़े आठ साल पुराना है। 24 जून 2016 को पंजाब के मालेरकोटला में सड़क पर कुरान के पन्ने बिखरे मिले थे। इसके बाद वहां हिंसा भड़क गई थी और गुस्साई भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। इस मामले में AAP विधायक यादव समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि मार्च 2021 में निचली अदालत ने यादव को बेअदबी मामले में बरी कर दिया था। लेकिन इसके बाद मामले के शिकायतकर्ता मोहम्मद अशरफ ने उनके बरी होने के खिलाफ अपील दायर कर दी थी।
जिसके बाद पंजाब की स्थानीय जिला अदालत ने पिछले साल 30 नवंबर को कुरान की बेअदबी से जुड़े इसी मामले में महरौली विधायक नरेश यादव को दो साल की सजा सुनाई थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश परमिंदर सिंह ग्रेवाल की अदालत ने इस मामले में यादव को दोषी ठहराया और एक दिन बाद फैसला सुनाया। सजा सुनाने के साथ ही अदालत ने यादव पर 11,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
इसी मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी ने यादव का टिकट काट दिया था और महरौली से उनके स्थान पर महेंद्र चौधरी को उम्मीदवार बना दिया। उधर यादव ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि उन्होंने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर उन्हें बताया की जब तक अदालत से वह स-सम्मान बरी नहीं हो जाते तब तक वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। यादव ने कहा कि वह केजरीवाल की ईमानदारी से प्रभावित होकर AAP में शामिल हुए थे और पार्टी से उन्हें बहुत कुछ मिला है।
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