
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसदों ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) पर की गई टिप्पणी को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उनके खिलाफ सांसदों ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पारित किया है। बीजेपी के सांसदों ने आरोप लगाया है कि सोनिया की टिप्पणी से राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंची। उनके बयान को बीजेपी ने अपमानजनक करार दिया है। बता दें कि 31 जनवरी को सोनिया गांधी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ‘बेचारी’ अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं। वे मुश्किल से बोल पा रही थीं।
31 जनवरी को संसद के बजट सत्र की शुरुआत हुई थी, इस दौरान संसद के संयुक्त सत्र को मुर्मू ने संबोधित किया था। सोनिया गांधी ने पत्रकारों से बातचीत में उनको ‘बेचारी’ कहा था। बीजेपी ने इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान बताते हुए आदिवासी विरोधी मानसिकता करार दिया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली के द्वारका में आयोजित चुनावी रैली में इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था। पीएम ने कहा था कि यह टिप्पणी पूरे आदिवासी समाज का अपमान है।
राष्ट्रपति भवन ने इस टिप्पणी को अस्वीकार्य बताते हुए कहा था कि प्रेसिडेंट थकी हुई नहीं थीं। इसके बाद से लगातार बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। भाजपा सांसदों ने राज्यसभा सभापति को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि यह बयान न केवल सिर्फ आदिवासी समुदाय, बल्कि पूरे लोकतंत्र का अपमान है। सोनिया गांधी को इस पर अपनी जवाबदेही तय करनी चाहिए। बीजेपी सांसदों ने मांग की है कि उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
वहीं, सोनिया गांधी के बचाव में कांग्रेस सांसद और उनकी बेटी प्रियंका गांधी उतर गई हैं। प्रियंका ने कहा कि उनकी मां 78 साल की हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि राष्ट्रपति ने काफी लंबा भाषण दिया है, वे शायद थक गई होंगी। बीजेपी उनके बयान पर बेवजह हल्ला कर रही है। कांग्रेस पार्टी ने भी सफाई दी है। पार्टी का कहना है कि सोनिया गांधी का इरादा किसी का अपमान करना नहीं था।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved