
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में उपराज्यपाल (एलजी) (Lieutenant Governor (LG) और सरकार (Government) के बीच अधिकारों के बंटवारे और सरकार के कामकाज के नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार (Central government) की ओर से जल्द ही नियमों को अधिसूचित किया जा सकता है। 3 मार्च से शुरू हो रहे केंद्र शासित प्रदेश के बजट सत्र से पहले सोमवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Chief Minister Omar Abdullah) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात की। दोनों के बीच सत्ता संरचना के साथ ही विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई। कामकाज के नियमों को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। ये नियम जम्मू-कश्मीर में एलजी के मुकाबले मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और प्रशासनिक सचिवों की भूमिका, जिम्मेदारियां और शक्तियां स्पष्ट करेंगे।
पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की रखी मांग
संसद भवन में हुई मुलाकात के बाद सीएम उमर ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की भी मांग की। राज्य के विकास और सुरक्षा पर लंबी बातचीत हुई। पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य के समग्र विकास पर हमने अपनी अपनी राय का आदान प्रदान किया। चूंकि तीन मार्च से बजट सत्र शुरू हुआ है, ऐसे में इस विषय पर भी हमारी बातचीत हुई। राज्य में केंद्र की मदद से चल रही विकास परियोजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
चुनाव से पहले एलजी के अधिकार बढ़े थे
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने और राज्य से दर्जा घटाकर केंद्र शासित प्रदेश करने के बाद से हुए पहले चुनाव से पहले केंद्र ने उपराज्यपाल के अधिकारियों को बढ़ा दिया था। इसके लिए सरकार के कामकाज से संबंधित संचालन नियमों में संशोधन किया गया था। इस बदलाव के बाद पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, अखिल भारती सेवाओं और स्थानांतरण और पोस्टिंग से संबंधित मामलों में शक्तियां एलजी के अधीन आ गईं।
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