वाशिंगटन । डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका और रूस (America- Russia) के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है। सऊदी अरब के रियाद (Riyadh, Saudi Arabia) में मंगलवार को हुई बैठक में रूस-अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध शांति से पहले आपसी रिश्ते सुधारने के लिए तैयार हो गए हैं। करीब साढ़े चार घंटे की बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों ने जल्द से जल्द अपने दूतावासों को बहाल करने पर सहमति जताई। जल्द ही दूतावास में कर्मियों की भर्ती की जाएगी, ताकि दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति न बने। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों देशों ने दूतावास से कर्मचारियों को निकाल दिया था।
दोनों देश व्यापार और निवेश बहाल करने पर भी सहमत
पिछले तीन साल से दोनों देशों के दूतावास बंद पड़े हैं। इसके अलावा द्विपक्षीय बातचीत में दोनों देशों ने व्यापार और निवेश को बहाल करने पर भी सहमति जताई। साथ ही यूक्रेन में युद्ध विराम और रूस और अमेरिका के राष्ट्रपतियों के मुलाकात पर बड़ा फैसला किया गया है। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात पर भी सहमति जताई गई है।
जेलेंस्की शांति के लिए आगे बढ़ें नहीं तो अपना देश गंवा बैठेंगे : ट्रंप
ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को तानाशाह करार दिया और कहा कि उन्हें शांति सुनिश्चित करने के लिए तेजी से आगे बढ़ना चाहिए अन्यथा वह अपना देश गंवा देंगे। बता दें कि ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि रूस से यूद्ध के लिए यूक्रेन जिम्मेदार है। इस पर जेलेंस्की ने कहा था कि ट्रंप रूसी दुष्प्रचार में फंस गए हैं। इस पर ट्रंप ने बुधवार को फिर कहा, बिना चुनावों के जेलेंस्की तानाशाह की तरह है। उन्हें जल्द से जल्द शांति के लिए आगे बढ़ना चाहिए, नहीं तो उनके पास कोई देश नहीं बचेगा। जेलेंस्की की पहल से दोनों देशों के कारोबारियों को लाभ मिलेगा।
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