
संभल। शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच अंतिम दौर में पहुंचती दिख रही है। सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग (Judicial Inquiry Commission.) की टीम शुक्रवार 28 फरवरी को चौथी बार संभल पहुंचेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) द्वारा गठित तीन सदस्यीय आयोग की टीम पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में 11 बजे पहुंचेगी। जहां टीम डीएम-एसपी समेत अन्य अधिकारियों व आम लोगों के बयान दर्ज करेगी। जिन्होंने पूर्व में बयान दर्ज कराने को शपथ पत्र दिया है।
शाही जामा मस्जिद के दूसरे सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 29 पुलिस कर्मी घायल गए थे। हिंसा की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्ष में तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। टीम ने एक दिसंबर को हिंसा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर अधिकारियों से जानकारी ली थी। इसके बाद टीम 21 जनवरी को संभल आई। जहां जामा मस्जिद क्षेत्र व विदेशी कारतूस मिलने वाले स्थान का निरीक्षण कर 21 पुलिस कर्मियों समेत 60 लोगों के बयान दर्ज किए थे। 30 जनवरी को तीसरी बार संभल पहुंची टीम ने स्वास्थ्य, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। इसमें प्रमुख रूप से एएसपी श्रीश्चंद्र, डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू शामिल रहे। अब टीम चौथी बार शुक्रवार 28 फरवरी को संभल पहुंचेगी। जहां टीम हिंसा डीएम, एसपी समेत अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शपथ पत्र देने वाले आम लोगों के भी बयान दर्ज करेगी।
गुरुवार सुबह 11 बजे टीम संभल पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में पहुंचेगी। डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि टीम 11 बजे पीडब्लूडी गेस्ट हाउस पहुंचेगी। जहां लोगों के बयान दर्ज करेगी। टीम में हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा अध्यक्ष हैं, जबकि पूर्व डीजीपी ए.के. जैन और रिटायर्ड अपर मुख्य सचिव अमित मोहन सदस्य हैं। बता दें कि इससे पूर्व टीम करीब सौ से अधिक लोगों और अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुकी है।
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