
वॉशिंगटन/नई दिल्ली. अमेरिकी (American) राजनीतिक विश्लेषक ( exports) इयान ब्रेमर (Ian Bremmer) ने प्रधानमंत्री (PM ) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) की हालिया मुलाकात को ट्रंप द्वारा वैश्विक नेताओं के साथ की गई सबसे सफल द्विपक्षीय वार्ताओं में से एक बताया है.
बिगड़ने वाले हैं अमेरिका और चीन के संबंध
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप की बैठक सबसे सफल रही क्योंकि अमेरिका-चीन के संबंध और अधिक बिगड़ने वाले हैं. ट्रंप प्रशासन समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर एक व्यापारिक गठबंधन बनाना चाहता है, जिससे मुख्य सप्लाई चेन, संसाधनों और उन्नत तकनीकों को चीन से अलग किया जा सके. चीन को नियंत्रित करने की इस नीति को बीजिंग आसानी से स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन इससे भारत की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है.’
ब्रेमर ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत करना चाहता है. ट्रंप प्रशासन की मंशा अमेरिकी सैन्य उपकरण और तकनीक की बिक्री बढ़ाने की है, साथ ही भारत और अमेरिकी टेक कंपनियों के बीच साझेदारी को भी मजबूत करने की योजना है.
सऊदी और इजरायल की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर
उन्होंने कहा, ‘ट्रंप प्रशासन भारत के साथ एक मजबूत रक्षा साझेदारी चाहता है. वे अमेरिकी सैन्य हार्डवेयर और उपकरणों की बिक्री बढ़ाना चाहते हैं. इसके अलावा, तकनीकी साझेदारी को बढ़ावा देकर भारत और अमेरिका के बीच सामरिक तालमेल को मजबूत करने पर भी जोर दिया जा रहा है. सऊदी अरब और इजरायल जैसे देशों की तुलना में भारत ट्रंप प्रशासन के साथ सबसे बेहतर स्थिति में है.’
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