
सीहोर: सीहोर जिले (Sehore District) के बकतरा गांव (Baktara Village) से चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक दलित परिवार (Dalit Family) को समाज से पूरी तरह बहिष्कृत (Outcast) कर दिया गया है. गांव के ही दबंगों ने फरमान सुनाया है कि कोई भी इस परिवार को न राशन देगा, न पानी, और जो भी उनकी मदद करेगा, उस पर 1 लाख रुपये (Rs 1 lakh) का जुर्माना लगेगा.
मामला राधेश्याम वंशकार के मकान निर्माण से जुड़ा है. राधेश्याम वंशकार अपने मकान का निर्माण कर रहे थे, तभी गांव के एक प्रभावशाली परिवार से विवाद हो गया. मामला पुलिस तक पहुंचा, लेकिन इसके बाद हालात और बिगड़ गए. दबंगों ने समाज की बैठक बुलाकर तुगलकी फरमान जारी कर दिया कि कोई भी इस दलित परिवार से कोई संबंध नहीं रखेगा, न ही उन्हें कोई सामान बेचा जाएगा. जो कोई भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उस पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा.
जब पीड़ित परिवार राशन लेने गया, तो दुकानदारों ने साफ इनकार कर दिया. इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दुकानदार खुलेआम पीड़ित परिवार को सामान देने से मना कर रहे हैं. तीन दिनों से यह परिवार बाहर से किसी तरह खाने-पीने का सामान जुटा रहा है.
आखिरकार थक हारकर पीड़ित परिवार बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ सीहोर कलेक्टर के पास पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई. इस मामले पर सीहोर कलेक्टर बाला गुरु ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है और दोषियों पर जल्द सख्त कार्रवाई की जाएगी. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक दलितों को इस तरह की प्रताड़ना झेलनी पड़ेगी? क्या आज भी जातिगत भेदभाव समाज में जिंदा है? प्रशासन इस गंभीर मामले में कितनी तेजी से न्याय दिलाएगा? दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी या फिर दबंगों का राज कायम रहेगा.
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