
गुब्बारे और स्टेशनरी का सामान बेचते थे सिग्नल पर… भिक्षावृत्ति उन्मूलन में तेजी आई
इंदौर। माता-पिता (Parents) की गरीबी (poverty) और मजबूरी के कारण सडक़ों (Roads) पर भीख (Begging) मांगने को मजबूर बच्चे अब भीख नहीं मांगना चाहते। वे स्वेच्छा से महिला एवं बाल विकास विभाग की मदद से स्कूल चलो अभियान का हिस्सा बन रहे हैं। अब तक तीन क्षेत्रों के लगभग 62 बच्चों (62 children) का स्कूल में एडमिशन कराने के साथ जिला प्रशासन की टीम ने स्कूल यूनिफार्म और किताबें भी दिलवाई हैं। यह अभिनव पहल रंग लाने लगी और कलेक्टर की मदद मिलते ही न केवल बच्चे खुद माता-पिता को समझाइश दे रहे हैं, बल्कि भीख मांगने और मंगवाने वालों का विरोध भी कर रहे हैं।
भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान के अंतर्गत पीपल्याहाना कांकड़ के 18 बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया। अभियान प्रभारी दिनेश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान के अंतर्गत दल को जानकारी प्राप्त हुई थी कि स्कीम नंबर 140 में लगने वाली चौपाटी में कई बच्चे पास की बस्ती से आकर भिक्षावृत्ति करते हैं या गुब्बारे बेचते हैं। दल के अधिकारी मिश्रा द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया के निर्देश पर सर्वे कराया गया, जिसमें 18 बच्चे ऐसे पाए गए, जो किसी न किसी कारण से स्कूल नहीं जा रहे हैं। कुछ बच्चे डॉक्यूमेंट की कमी की वजह से और कुछ बच्चे भिक्षावृत्ति एवं अन्य बाल श्रम में नियोजित होने के कारण स्कूल नहीं जा रहे हैं। ऐसे बच्चों को कलेक्टर के निर्देश अनुसार बिचौली मर्दाना की प्राथमिक शाला में प्रवेश दिलाया गया है । इन बच्चों के लिए पानी की बोतल, स्कूल बैग, यूनिफॉर्म की व्यवस्था भी दल द्वारा की गई है।
पालकों को रोजगार दिला रहे
इससे पूर्व भिक्षवृत्ति उन्मूलन दल द्वारा अहीरखेड़ी में रहने वाले ऐसे परिवार, जो भिक्षावृत्ति में संलग्न थे, के 30 बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया था। अभियान के अंतर्गत न केवल बच्चों का स्कूल में प्रवेश कराया जा रहा है, बल्कि उनके माता-पिता के लिए भी रोजगार की व्यवस्था कराई जा रही है और भिक्षावृत्ति करने वाले परिवारों को समाज की मुख्यधारा में जोडऩे का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। अब तक गांधीनगर इंदौर के 14 बच्चों को परियोजना अधिकारी चित्रा यादव द्वारा व अहीरखेड़ी के 30 बच्चों एवं हाल ही में पीपल्याहाना के 18 बच्चों को भिक्षवृत्ति उन्मूलन अभियान के तहत स्कूल में प्रवेश दिलाया जा चुका है।
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