
नई दिल्ली: भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर अभी कुछ भी फाइनल हुआ नहीं है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत टैरिफ में कटौती करने के लिए सहमत हो गया है, जिसके बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है. इस बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ को दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम बना दिया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “1910 के दशक के मध्य तक, टैरिफ अमेरिकी सरकार के राजस्व का मुख्य स्रोत हुआ करता था. 1913 में अमेरिकी संविधान में संशोधन किया गया और पहली बार संघीय आयकर (फेडरल इनकम टैक्स) लागू किया गया था. सबसे प्रभावशाली अर्थशास्त्रियों में से एक जिन्होंने संघीय आयकर का समर्थन किया और इसके लिए अभियान चलाया, वो एडविन सेलिगमैन (Edwin Seligman) थे. वे कोलंबिया यूनिवर्सिटी में सार्वजनिक वित्त (पब्लिक फाइनेंस) के प्रोफेसर थे.”
कांग्रेस महासचिव ने लिखा, “एडविन सेलिगमैन अर्थशास्त्र के क्षेत्र में डॉ. अंबेडकर के मार्गदर्शक भी थे. कोलंबिया यूनिवर्सिटी से डॉ. अंबेडकर के कोलंबिया से ग्रेजुएशन होने के बाद भी उनके बीच मधुर संबंध बने रहे.” ट्रंप के दावों पर कांग्रेस नेता ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ अपनी तारीफ सुनना चाहते हैं और उन्हें टैरिफ से कोई चिंता नहीं है.
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच यह सहमति बनी थी कि इस साल के अंत तक BTA (द्विपक्षीय व्यापार समझौता) को अंतिम रूप दिया जाएगा. जिसे लेकर अभी भी चर्चा जारी है और कोई भी बात फाइनल नहीं हुई है. ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका से ज्यादा टैक्स वसूलने वाले सभी देशों पर 2 अप्रैल 2025 से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो जाएंगे. ट्रंप का कहना है कि टैरिफ से अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार बढ़ेगा.
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