
नई दिल्ली । एसटीएफ (STF) के हत्थे चढ़े बब्बर खालसा (Babbar Khalsa) आतंकी संगठन व आईएसआई (ISI) के सक्रिय सदस्य लजर मसीह के मददगार लखनऊ और कानपुर (Lucknow and Kanpur) में ठिकाना बनाए हुए थे। इनके बारे में काफी ब्योरा जुटा लिया गया है। एसटीएफ ने इनकी तलाश में दो दिन पहले वहां छापा मारा लेकिन सब घरों से फरार मिले। ये लोग वहां किराए पर रह रहे थे। इनमें से तीन मददगार मेजबान होटल में भी मिलने आए थे। होटल में पूछताछ से एसटीएफ को इनके बारे में कई जानकारियां मिली थी।
चार दिन पहले एसटीएफ और पंजाब पुलिस ने कौशाम्बी में लजर मसीह को हैंड ग्रेनेड व विस्फोटक सामग्री के साथ पकड़ा था। पंजाब में पुलिस चौकियों पर हमला करने वाले जीवन फौजी से भी लजर का सम्पर्क रहा है। जीवन पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित है और वह इस समय विदेश में छिपा हुआ है। एसटीएफ से जब लजर मसीह ने खुलासा किया कि वह महाकुम्भ में विस्फोट करने के लिए यूपी में आया था तो कई जांच एजेन्सियां सक्रिय हो गई थी।
एसटीएफ की जांच आगे बढ़ी तो सामने आया कि उसे आर्थिक मदद व अन्य सुविधाएं दिलाने के लिए पांच मददगार भी भेजे गए थे। ये मददगार लखनऊ और कानपुर में रुके हुए थे। मेजबान होटल में रुकने के दौरान तीन मददगारों ने उसे कई सुविधाएं उपलब्ध कराई थी। ये मददगार मेजबान होटल भी गए थे।
एटीएस भी जुटी जांच में
एसटीएफ से मिली कई जानकारियों के बाद एटीएस भी सक्रिय हो गई है। एटीएस की तीन टीमें लजर मसीह का नेटवर्क पता करने में लग गई है। सूत्रों के मुताबिक, एटीएस सोमवार को लजर से पूछताछ करने के लिए कोर्ट में अनुमति के लिए अर्जी देगी। उधर, एसटीएफ सोमवार को लजर मसीह के बैंक खातों का ब्योरा खंगालेगी।
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