
रायपुर । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की टीम ने बड़ी कार्रवाई की। दोनों टीमों ने रविवार को छत्तीसगढ़ के तीन अधिकारियों के 15 ठिकानों पर छापा मारा। अब तक की जांच में करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।
एसीबी और ईओडब्ल्यू सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की गई, उनमें समग्र शिक्षा विभाग के श्याम सुंदर सिंह चौहान, सुकमा के तत्कालीन डीएफओ अशोक कुमार पटेल तथा आदिवासी विकास विभाग में उपायुक्त आनंद जीत सिंह शामिल हैं। सुकमा, छिंदगढ़, रायगढ़, पुसौर, सारंगढ़, बीजापुर, जगदलपुर, गीदम, कोंटा और दंतेवाड़ा में इन अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई चल रही है।
अब तक की जांच में करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। इसमें लाखों रुपये नकद, बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के गहने, जमीनों के दस्तावेज और संदिग्ध बैंक ट्रांजैक्शन शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी सिर्फ अधिकारियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उनके रिश्तेदारों और करीबियों के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई।
डीएफओ अशोक कुमार पटेल को कुछ दिन पहले सरकार ने तेंदूपत्ता बोनस वितरण में गड़बड़ी करने पर निलंबित कर दिया था। बताया जा रहा है कि बस्तर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त आनंद जीत सिंह भी एसीबी की रडार पर थे।
अब ईओडब्ल्यू भी एसीबी के साथ कार्रवाई में शामिल हो गई है। पहली टीम जगदलपुर के धरमपुरा स्थित मकान पर छापा मारने पहुंची। एक टीम दंतेवाड़ा के सरकारी बंगले में भी पहुंची। जगदलपुर के बैलाबाजार स्थित आनंद जीत सिंह के करीबी का मकान भी कार्रवाई की जद में है। कोंटा ब्लॉक में शिक्षक और संकुल समन्वयक पद पर पदस्थ भानु प्रताप सिंह चौहान भी एसीबी की रडार पर थे। एसीबी के पास आय से अधिक संपत्ति की जानकारी थी।
पिछले कई दिनों से टीम जानकारी जुटा रही थी। बताया जा रहा है कि भानु प्रताप चौहान छिंदगढ़ ब्लॉक निवासी श्याम सुंदर चौहान के भाई हैं। टीम ने दोनों भाइयों के घर छापेमारी की। भानु प्रताप और बबलु चौहान दोनों शिक्षक हैं। बबलू चौहान पूर्व डीपीएम भी रह चुके हैं। भानु प्रताप सिंह चौहान वर्तमान में संकुल समन्वयक हैं। फिलहाल दोनों के ठिकानों पर एसीबी की टीम छानबीन कर रही है।
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