
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)अपनी अहम विदेश यात्रा (Important foreign trip)के तहत मॉरीशस (Mauritius)के लिए रवाना हो चुके हैं. इस यात्रा का मकसद भारत और मॉरीशस(India and Mauritius) के बीच द्विपक्षीय संबंधों(Bilateral Relations) को और मजबूत करना, रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के साथ-साथ हिंद महासागर में भारत की मौजूदगी को और अधिक प्रभावशाली बनाना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस दो दिवसीय मॉरीशस दौरे से पहले कहा कि उनकी यात्रा दो देशों की दोस्ती की नींव को और मजबूत करेगी. वह मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. भारतीय नौसेना के एक जहाज के साथ भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भी समारोह में भाग लेगी.
पीएम मोदी ने अपनी यात्रा को लेकर सोमवार शाम को एक्स पर लिखा, ‘कल से मैं मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं, जहां मैं उनके 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लूंगा. मैं अपने मित्र और प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से मिलने के लिए उत्सुक हूं. मैं वहां भारतीय समुदाय से बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मॉरीशस एक करीबी समुद्री पड़ोसी और हिंद महासागर का एक प्रमुख साझेदार है. हम साझा मूल्यों और गहरे सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े हुए हैं. मेरी यात्रा हमारी दोस्ती की नींव को और मजबूत करेगी और भारत-मॉरीशस संबंधों में एक उज्जवल अध्याय जोड़ेगी.’
यह प्रधानमंत्री मोदी की 2015 के बाद पहली मॉरीशस यात्रा है. प्रधानमंत्री मोदी की वर्तमान यात्रा से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूती मिलने की उम्मीद है.
मिनी इंडिया कहलाता है यह देश
मॉरीशस को ‘मिनी इंडिया’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां की संस्कृति, परंपरा और जनसंख्या का बड़ा हिस्सा भारतीय मूल का है. भारत मॉरीशस का सबसे बड़ा व्यापारिक और विकास सहयोगी है. पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिसमें बुनियादी ढांचे, समुद्री सुरक्षा और व्यापार सहयोग प्रमुख हैं.
मॉरीशस हिंद महासागर में स्थित एक महत्वपूर्ण देश है, जिसकी समुद्री सीमा रणनीतिक रूप से भारत के लिए बेहद अहम है. चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, भारत हिंद महासागर में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है. इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी मॉरीशस को सुरक्षा और नौसैनिक सहयोग में मदद देने की घोषणा कर सकते हैं.
हिन्द महासागर में अहम रणनीतिक उपस्थिति
मॉरीशस हिन्द महासागर में स्थित एक महत्वपूर्ण देश है, जिसकी समुद्री सीमा रणनीतिक रूप से भारत के लिए बेहद अहम है. चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, भारत हिंद महासागर में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है. इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी मॉरीशस को सुरक्षा और नौसैनिक सहयोग में मदद देने की घोषणा कर सकते हैं.
भारत और मॉरीशस के बीच व्यापार को और अधिक मजबूत करने के लिए इस यात्रा के दौरान कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की जा सकती है. भारत मॉरीशस में बुनियादी ढांचे, डिजिटल टेक्नोलॉजी और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश कर रहा है, जिससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे.
पीएम मोदी की यह यात्रा सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हिंद महासागर में भारत की दीर्घकालिक रणनीति का भी अहम हिस्सा है. इस यात्रा के नतीजे आने वाले समय में भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करने में मदद करेंगे
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