
नई दिल्ली । बिहार (Bihar) में जेडीयू और आरजेडी (JDU and RJD) गठबंधन की सरकार ने तीन साल पहले जातिगत सर्वेक्षण (caste survey) लागू करने का ऐलान किया था। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार ने ऐलान किया था कि सर्वे में सामने आए 94 लाख परिवारों की वह दो लाख रुपये देकर मदद करेंगे। हालांकि बाद में आरजेडी और जेडीयू का गठबंधन टूट गया। अब नीतीश कुमार की सरकार कास्ट सर्वे के आंकड़ों को स्कैन और फिल्टर करना चाहती है। सरकार का कहना है कि बहुत सारे ऐसे परिवार हैं जो कि अन्य योजनाओं का फायदा पहले से ही ले रहे हैं।
नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कह कि सरकार आंकड़ों को फिल्टर करेगी और जिन परिवारों को मदद की जरूरत है उनको जल्द ही धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। सर्वे में पता चला था कि कम से कम 94 लाख परिवारों की मासिक आय 6 हजार रुपये से कम है। इसके बाद 7 नवंबर 2023 को नीतीश कुमार ने ऐलान कर दिया कि गरीब परिवारों को रोजगार यार फिर बिजनेस शुरू करने के लिए दो-दो लाख रुपये की मदद दी जाएगी। राज्य की कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। हालांकि इसे तेजी से लागू नहीं किया जा सका। एक रिपोर्ट की मानें तो अब तक इस योजना के तहत 1 लाख परिवारों को ही मदद मिल पाई है। कुछ लोगों को पूरी राशि मिली है तो बहुत सारे परिवारों को कुछ किस्तें ही मुहैया हुई हैं।
2023-24 में ही नीतीश रकार ने बिहार लघु उद्यमी योजना की शुरुआत की और कहा गया कि काम शुरू करने या फिर उसमें पूंजी लगाने के लिए दो लाख रुपये की मदद ती जाएगी। राज्य सरकार ने 61 तरह के कामों को इस लिस्ट में शामिल किया था। उस वित्त वर्ष में सरकार ने इसके लिए 250 करोड़ रुपये का आवंटन किया। वहीं अब इसे बढ़ाकर 1 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। पहले ही साल इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए 2 लाख 2 हजार से ज्यादा आवेदन आए थे। वहीं सरकार ने 50 हजार परिवार कों 50 हजार रुपये की पहली किस्त उपलब्ध करवाई है।
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