
नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan)से लौटे बीएसएफ जवान पूर्णम शॉ (BSF jawan Poornam Shaw)की अभी घर वापसी नहीं हो पाई है। पहलगाम हमले (Pahalgam attacks)के एक दिन बाद ही वह गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। वह 20 दिन तक पाकिस्तान की कैद में रहे और उनपर जमकर जु्ल्म किया गया। अधिकारियों का कहना है कि शॉ के शरीर पर चोट का कोई निशान तो नहीं है लेकिन उन्हें मानसिक रूप से बहुत प्रताड़ित किया गया है। ऐसे में उनकी डीब्रीफिंग में समय लग रहा है। डॉक्टर और केंद्रीय एजेंसियों उनके मूल्यांकन में लगी हैं। प्रॉसेस पूरा होने के बाद ही उन्हें घर भेजा जा सकेगा।
भारत और पाकिस्तान में सीजफायर डील होने के बाद पूर्णम को वाघा-अटारी बॉर्डर जॉइंट पोस्ट से भारत लाया गया। अधिकारियों के मुताबिक अभी पूर्णम शॉ को किसी बाहरी से मिलने की अनुमति नहीं है। वह अपने परिवार तक से मुलाकात नहीं कर सकते। जब तक 360 डिग्री रिव्यू पूरा नहीं हो जाता उन्हें किसी बाहरी से बात भी नहीं करने दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि शॉ हाल ही में ड्यूटी नहीं जॉइन कर पाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि शॉ को पाकिस्तान में मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्हें एक जगह से दूसरी जगह आंखों पर पट्टी बांधकर ले जाया जाता था। इसके अलावा उन्हें सोने नहीं दिया जाता था। यहां तक कि शॉ को ब्रश भी नहीं करने दिया गया। उन्हें कई जगहों पर ले जाया गया और जबरदस्ती जानकारियां निकलवाने की कोशिश की गई। पूर्णम शॉ से पाकिस्कानी सीमा पर तैनात सीनियर अधिकारियों की जानकारी मांग रहे थे। इसके अलावा उनका कॉन्ट्रैक्ट डीटेल निकालने के लिए भी प्रताड़ित किया गया।
पूर्णम शॉ गलती से पाकिस्तान पहुंच गए थे। वहीं जब भारत ने पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर चलाया तो तनाव इतना बढ़ गया कि बीएसएफ जवान की वापसी मुश्किल लगने लगी। हालांकि सीजफायर के बाद जवान को वापस भारत लाया गया। शॉ की पत्नी ने कहा, हम बहुत खुश हैं कि वह वापस आ गए हैं। जल्द ही हम उनसे मिल पाएंगे।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved