
इंदौर। इंदौर में कमर्शियल वाहनों की फिटनेस जांच के लिए इसी माह दो नए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर शुरू हो गए हैं। इसके बाद अब इंदौर में कुल तीन फिटनेस सेंटर हो चुके हैं। इसके कारण इंदौर में पहले चल रहे एकमात्र सेंटर की दादागीरी खत्म हो चुकी है। जिसके कारण फिटनेस जांच के दौरान मनमानी और अवैध वसूली पर भी नियंत्रण लगा है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने वाहनों की फिटनेस जांच को ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर्स से ही किया जाना अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद मध्यप्रदेश में 12 जुलाई 2024 से इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में बने निजी ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर्स से वाहनों की जांच शुरू की गई थी।
इंदौर में पहला फिटनेस सेंटर नेमावर रोड पर वेदांती कंपनी ने शुरू किया था। शुरुआत से ही कंपनी को लेकर वाहन मालिकों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत की जा रही थी। लोगों के पास कोई और विकल्प ना होने पर वे धार, देवास और उज्जैन जाकर फिटनेस करवाने लगे थे। लेकिन हाल ही में शहर में दो नए फिटनेस सेंटर खुल चुके हैं। पहला आरटीओ ऑफिस के नजदीक ही नायता मुंडला में और दूसरा नेमावर रोड पर ही खोला गया है। इसके बाद अब शहर में तीन सेंटर हो गए हैं, जिसके कारण पहले सेंटर की दादागीरी अब खत्म हो चुकी है। वाहन मालिक नए सेंटर्स पर जाकर वाहनों का फिटनेस करवाने लगे हैं। लोगों को अपने पास बुलाने के लिए नए सेंटर्स आसान प्रक्रिया में फिटनेस जांच कर रहे हैं, साथ ही अवैध वसूली भी ना के बराबर हो चुकी है, साथ ही नायता मुंडला में सेंटर खुलने से लोगों को ज्यादा दूर तक जाने की परेशानी से भी मुक्ति मिल गई है।
तेजाजी नगर में नए फिटनेस सेंटर को भी मंजूरी, इसी माह हो सकता है शुरू
परिवहन मुख्यालय ने खंडवा रोड पर तेजाजी नगर पर भी एक नए फिटनेस सेंटर को मंजूरी दी है। दो दिन पहले ही परिवहन विभाग के अधिकारी इसका निरीक्षण करके आए हैं। अधिकारियों द्वारा परिवहन आयुक्त को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद मुख्यालय से फाइनल अनुमति मिलने पर इसी माह के अंत में या जून की शुरुआत में यह सेंटर भी शुरू हो जाएगा, जिससे लोगों को और सुविधा मिल सकेगी।
सेंटर संचालकों की चल रही सांठगांठ, जल्द फिर वसूली की तैयारी
नए सेंटर्स खुलने से पहले से चल रहे सेंटर की अवैध वसूली पर रोक लगी है, साथ ही ऊपरी कमाई भी बंद हो गई है। विभागीय सूत्रों की माने तो इसके बाद सभी सेंटर संचालकों की आपस में बैठक हुई है, जिसमें सभी ने फिटनेस जांच के लिए ली जाने वाली रिश्वत की राशि तय करने पर सहमति बनाई है, ताकि ऊपरी कमाई बंद ना हो। बात हुई है कि सभी का एक जैसा रेट होने पर किसी का नुकसान भी नहीं होगा। इन सेंटर्स पर स्थानीय कार्यालय का नियंत्रण ना होने के कारण दोबारा वसूली शुरू हो सकती है।
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