
नई दिल्ली । नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम (NITI Aayog CEO BVR Subramaniam) ने कहा कि भारत (India) विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है (Has become the Fourth Largest Economy in the World) । भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया है और अब अगले 2.5 से 3 वर्षों में जर्मनी को हटाकर तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।
सुब्रह्मण्यम ने 10वीं नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल मीटिंग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं जब बोल रहा हूं, तब हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हैं और यह मेरा डेटा नहीं है। यह आईएमएफ का डेटा है। आज भारत जापान से भी बड़ी अर्थव्यवस्था है।” सुब्रह्मण्यम ने कहा, “केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जर्मनी ही हमसे बड़े हैं और जो योजना बनाई जा रही है, अगर हम उसी पर टिके रहते हैं, तो भारत अगले 2, 2.5 से 3 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।” अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अप्रैल 2025 में कहा था कि 2025 में भारत की नॉमिनल जीडीपी बढ़कर 4,187.017 अरब डॉलर हो जाएगी। वहीं, जापान की जीडीपी का आकार 4,186.431 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन सकता है। 2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर सकती है और इस दौरान जीडीपी का आकार 5,069.47 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। वहीं, 2028 तक भारत की जीडीपी का आकार 5,584.476 अरब डॉलर होगा, जबकि इस दौरान जर्मनी की जीडीपी का आकार 5,251.928 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
आईएमएफ के मुताबिक, 2025 में अमेरिका 30,507.217 अरब डॉलर के आकार के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वहीं, चीन 19,231.705 अरब डॉलर के साथ दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की जीडीपी वृद्धि इस साल 1.8 प्रतिशत तक धीमी होने की उम्मीद है, जो 2026 1.7 प्रतिशत तक रह जाएगी, वहीं यूरोप की वृद्धि दर 2025 में मात्र 0.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, 2026 में इसमें रिकवरी देखने को मिलेगी और यह 1.2 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। फ्रांस में इन दो वर्षों के लिए वृद्धि दर क्रमशः 0.6 प्रतिशत और 1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
स्पेन से 2025 में अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है, क्योंकि यह 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करने वाला एकमात्र यूरोपीय देश है। हालांकि, 2026 में इसके घटकर 1.8 प्रतिशत पर आ जाने की उम्मीद है। ब्रिटेन में इन दो वर्षों में क्रमशः 1.1 और 1.4 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
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