नई दिल्ली । अपने अप्रत्याशित और अगंभीर व्यवहार(nonserious behavior) के कारण लालू प्रसाद(Lalu Prasad) के बड़े लाल तेज प्रताप यादव(Tej Pratap Yadav) हमेशा चर्चा में रहे हैं। वे अपने आचरण से पार्टी और परिवार के लिए बार-बार मुश्किलें तथा अशोभनीय परिस्थिति पैदा करते रहे हैं। उनके सार्वजनिक जीवन (विधायक) के दस साल भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन तेज प्रताप ने इस अवधि में अपनी बोली से न केवल विपक्ष, बल्कि पार्टी के वरीय नेताओं को भी असहज किया। कई बार सार्वजनिक मंचों से तेज प्रताप ने पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ खुलेआम टिप्पणी की जिन पर लालू प्रसाद भी बोलने से परहेज किया करते थे। पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह (अब दिवंगत) को भी तेज प्रताप ने नहीं बख्शा था।
तेज प्रताप ने रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफा पर तंज कसते हुए कहा था कि समुद्र से एक लोटा पानी निकल भी जाएगा तो क्या फर्क पड़ेगा। यही नहीं, पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से भी तेज प्रताप ने पार्टी कार्यालय में ही खुलेआम दो-दो हाथ कर लिया था। जिसकी लड़ाई वह जगदा बाबू से लड़ रहे थे, उसके तार भी ताजा प्रकरण से जुड़े हुए बताए जाते हैं। तब एक व्यक्ति को पद दिलाने के लिए तेज प्रताप ने जगदाबाबू को हिटलर तक की संज्ञा दी थी। कहा था कि प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी यह भूल गए कि पार्टी संविधान से चलता है और राजद का संविधान कहता है कि बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते।
एक बार निजी सुरक्षा गार्ड (बाउंसर) को लेकर विधानसभा आकर तेज प्रताप ने पार्टी की किरकिरी करा दी थी। तेज प्रताप ने हाल ही में हसनपुर के बदले इस बार महुआ से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। तेज प्रताप के इस एलान के बाद महुआ के मौजूदा विधायक मुकेश रौशन फूट-फूटकर रोते नजर आए। उन्होंने लालू प्रसाद से गुहार भी लगाई। इस साल अपने सरकारी आवास में आयोजित होली मिलन समारोह में तेज प्रताप ने अपने अंगरक्षक दीपक कुमार को एक गाने पर नाचने को विवश किया। अंगरक्षक के नाचने से इनकार करने पर तेज प्रताप ने कहा कि निलंबित कर दिए जाओगे। यही नहीं, होली के मौके पर तेज प्रताप ने वीआईपी इलाके में अपने समर्थकों के साथ स्कूटी पर सवार हो सड़कों पर हुड़दंग भी मचाया। सीएम आवास से गुजरने के क्रम में तेज प्रताप ने सरकार में बैठे लोगों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी भी की।
प्रधानमंत्री पर की थी अमर्यादित टिप्पणी
वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने लालू प्रसाद की सुरक्षा जेड प्लस से कम कर जेड श्रेणी का कर दिया। तब तेज प्रताप ने पीएम पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में तेज प्रताप ने अपने अंगरक्षक के माध्यम से एक पत्रकार पर हमला किया।
कभी कृष्ण बने, कभी बहुरुपिया
तेज प्रताप अक्सर धार्मिक अवतारों के रूप में भी सामने आते रहते हैं। वे कभी भगवान श्रीकृष्ण का रूप लेकर लोगों के सामने आते हैं तो कभी भगवान शिव की पूजा करने के क्रम में वे शिवलिंग को पकड़कर पुजारियों से जलाभिषेक करवाते हैं। वे कभी बांसुरी बजाते हुए नजर आते हैं। वह खुद को बहुरूपिया के रूप में तस्वीरें पोस्ट करते रहे हैं।
दूसरी बार विधायक बने
तेज प्रताप यादव अभी समस्तीपुर के हसनपुर से विधायक हैं। वर्ष 2015 में पहली बार वैशाली के महुआ विधानसभा से विधायक बने और महागठबंधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में वह समस्तीपुर के हसनपुर विधानसभा से विधायक बने। साल 2021 में जब बिहार में फिर से महागठबंधन की सरकार बनी तो तेज प्रताप पर्यावरण एवं वन मंत्री बने। तेज प्रताप ने 2010 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। स्नातक में दाखिला लिया लेकिन उसे पूरा नहीं कर सके।
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