
नई दिल्ली । भारत(India) लगातार अपने डिफेंस पावर(Defense Power) को मजबूत करने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) देसी कावेरी जेट इंजन(Desi Kaveri Jet Engine) की टेस्टिंग रूस(Tasting Russia) में कर रहा है। इस इंजन को भारत में बनाए जा रहे लंबी दूरी के अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल (UCAV) में इस्तेमाल करने की प्लानिंग है। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि कावेरी इंजन की टेस्टिंग रूस में चल रही है और अभी करीब 25 घंटे की टेस्टिंग बाकी है। इसके लिए स्लॉट्स वहां की अथॉरिटीज से मिलने वाले हैं। कावेरी इंजन को लेकर दिलचस्पी काफी बढ़ी है, क्योंकि मीडिया में #FundKaveri ट्रेंड चल रहा है। इसके जरिए लोग सरकार से इस प्रोजेक्ट को और फंड करने की मांग कर रहे हैं।
कावेरी इंजन को DRDO ने देसी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के लिए डेवलप करने की योजना बनाई थी, लेकिन प्रोग्राम में देरी की वजह से एलसीए को अमेरिकन जीई-404 इंजनों से पावर करना पड़ा। GE-404 इंजन 32 एलसीए मार्क 1 और ट्विन-सीटर ट्रेनर वर्जन में यूज हुए हैं। 83 एलसीए मार्क 1A को भी जीई-404 से पावर करने की तैयारी है, लेकिन अमेरिकन फर्म की सप्लाई में दिक्कतों की वजह से इसमें देरी हो रही है। सवाल किया गया कि क्या कावेरी इंजन को LCA में इस्तेमाल किया जा सकता है, तो अधिकारियों ने कहा कि प्लान है कि कावेरी को एक एलसीए पर लगाकर इसकी क्षमता देखी जाए। यही वजह है कि भारत के इस ट्रायल से दुश्मन कांपने लगे हैं।
पावरफुल इंजन डेवलप करने पर चल रहा काम
डीआरडीओ एक विदेशी फर्म के साथ मिलकर और पावरफुल इंजन डेवलप करने पर भी काम कर रहा है, जो फ्यूचरिस्टिक एयरक्राफ्ट्स जैसे एलसीए मार्क 2 और फिफ्थ जेनरेशन एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए होगा। भारत इसके लिए फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका की फर्म्स के साथ बातचीत कर रहा है। इस बारे में जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है। भारत के देसी फाइटर जेट प्रोग्राम्स का मकसद आयात कम करना और इंडियन एयर फोर्स के लिए स्वदेशी प्लेटफॉर्म्स तैयार करना है। इन प्रोग्राम्स में एनसीए मार्क 1A, एलसीए मार्क 2 और एएमसीए शामिल हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved