
वाशिंगटन। अमेरिका (America) की डोनाल्ड ट्रंप सरकार (Donald Trump government) ने चीन के छात्रों (Chinese students) पर सीधा निशाना साधा है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Secretary of State Marco Rubio) ने ऐलान किया है कि चीनी छात्रों (Chinese students) के वीजा (Visa) अब आक्रामक तरीके से रद्द किए जाएंगे। इस फैसले को लेकर शिक्षा जगत में हलचल है, क्योंकि यह सीधे-सीधे अमेरिका में पढ़ने आए हज़ारों विदेशी छात्रों को प्रभावित कर सकता है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को कहा कि सरकार “आक्रामक तरीके से चीनी छात्रों के वीजा रद्द करेगी”। यह कदम खास तौर पर उन छात्रों को निशाना बनाएगा जिनका संबंध चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से है या जो अमेरिका के लिए संवेदनशील माने जाने वाले क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं।
रुबियो ने बताया कि इस कार्रवाई के लिए विदेश मंत्रालय होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में चीन और हांगकांग के वीजा आवेदनों की सख्त जांच की जाएगी और वीजा मानदंडों में संशोधन किया जाएगा।
विदेशी छात्रों पर लगातार सख्ती
एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्टेट डिपार्टमेंट ने दुनियाभर में अमेरिकी दूतावासों को नए स्टूडेंट वीजा अपॉइंटमेंट्स फिलहाल रोकने के निर्देश दिए हैं। इसके पीछे सोशल मीडिया स्क्रीनिंग को और सख्त करने की योजना बताई जा रही है। पिछले हफ्ते ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को दाखिला देने की अनुमति भी रद्द कर दी थी, हालांकि बाद में एक संघीय न्यायाधीश ने इस आदेश पर रोक लगा दी।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी ने भी संकेत दिया है कि प्रशासन अन्य विश्वविद्यालयों को भी इस नीति के दायरे में ला सकता है।
शिक्षा के नाम पर अमेरिका-चीन टकराव
पिछले 15 सालों तक चीन, अमेरिका में पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों का बड़ा स्रोत रहा। अमेरिका और चीन के बीच शैक्षणिक साझेदारी से दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों को लाभ हुआ, लेकिन बीते कुछ वर्षों में अमेरिका ने चीन को तकनीकी प्रतिस्पर्धी और संभावित खतरे के रूप में देखना शुरू कर दिया है। अब ट्रंप प्रशासन के इस नए फैसले से अमेरिका-चीन के बीच शिक्षा के मोर्चे पर भी खटास और गहराने की आशंका जताई जा रही है।
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