
नई दिल्ली । आध्यात्मिक गुरु(Spiritual Guru) सदगुरु जग्गी वासुदेव (Sadguru Jaggi Vasudev)ने दिल्ली हाई कोर्ट(Delhi High Court) में अपने पर्सनैलिटी राइट्स(Personality Rights) की रक्षा के लिए याचिका दायर(Petition filed) की है। उनका कहना है कि कई वेबसाइट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए उनके नाम और फोटो का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। शुक्रवार को जस्टिस सौरभ बनर्जी की बेंच के सामने इस मामले की सुनवाई हुई। सदगुरु ने दावा किया कि उनकी इमेज का इस्तेमाल फ्रॉड तरीके से सामानों को प्रमोट करने के लिए हो रहा है। ऐसे में उन्होंने आपत्तिजनक कंटेंट हटाने का आदेश देने की मांग रखी।
सदगुरु ने कहा, ‘मेरा नाम प्रोडक्ट्स बेचने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मिसाल के तौर पर ‘गर्भ यात्रा’ नाम की एक किताब है जो प्रेगनेंसी पर बेस्ड है। इसके कवर पर मेरी फोटो लगाई गई है। मेरे मान-सम्मान की वजह से लोग इन प्रोडक्ट्स पर भरोसा कर रहे हैं, जो कि साफ तौर पर फ्रॉड है। ये लोग AI का इस्तेमाल करके जनता को धोखा दे रहे हैं।’ गूगल की तरफ से पेश वकील ने कहा कि किसी भी एक्शन से पहले प्रभावित पक्ष को स्पेसिफिक URLs की डिटेल्स देनी होंगी।
सुनवाई के बाद अदालत ने क्या कहा
थोड़ी देर की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर जल्द ही एक इंटरिम ऑर्डर जारी किया जाएगा। इससे पहले, मार्च में दिल्ली हाई कोर्ट ने सदगुरु की ईशा फाउंडेशन के खिलाफ एक यूट्यूबर की ओर से पब्लिश किए गए वीडियो और कंटेंट को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से हटाने का ऑर्डर दिया था। उस वक्त अदालत ने साफ कहा था कि मान-सम्मान किसी इंसान की गरिमा का अहम हिस्सा है। साथ ही, अदालत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रतिष्ठा के अधिकार के बीच संतुलन की जरूरत पर भी जोर दिया।
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