
भोपाल । मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शासन व्यवस्था (Prime Minister Narendra Modi’s Governance) लोकमाता अहिल्याबाई के आदर्शों की प्रतिध्वनि है (Is an echo of the ideals of Lokmata Ahilyabai) ।
राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती के मौके पर आयोजित महिला सशक्तिकरण महा सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देकर राष्ट्र की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है। इसके साथ ही वर्ष 2014 के बाद से 2025 तक भारत ने अभूतपूर्व प्रगति की है, और आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। चार स्तंभों गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के जीवन में सुधार के लिए मध्य प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री यादव ने आगे कहा, “लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की जयंती को महिला सशक्तिकरण के प्रतीक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय अत्यंत प्रेरणादायक और प्रशंसनीय है। देवी अहिल्याबाई होलकर ने राज्य हित को सर्वोपरि रखा। यह हमें सुशासन के मूल सिद्धांत सिखाता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से राजकोष और निजी संपत्ति के बीच का अंतर समझाया। यह उनके न्यायप्रिय और नैतिक प्रशासन का प्रतीक है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस प्रकार की शासन व्यवस्था चला रहे हैं, वह लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के आदर्शों की प्रतिध्वनि है। प्रधानमंत्री मोदी अपने जीवन के प्रत्येक क्षण को राष्ट्रभक्ति, देशसेवा और सनातन संस्कृति की भावना से ओतप्रोत होकर जी रहे हैं।
महिला शासक का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “इतिहास गवाह है कि गोंडवाना की रानी ने अकबर को तीन बार पराजित कर पराक्रम का उदाहरण प्रस्तुत किया। रानी दुर्गावती, रानी अवंतीबाई और अहिल्याबाई जैसी वीरांगनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि भारत की नारियों ने मुगलों और अंग्रेजों के सामने कभी राष्ट्र की अस्मिता से समझौता नहीं किया। स्वतंत्रता के बाद राजमाता सिंधिया ने भी कठिन परिस्थितियों में लोकमाता अहिल्याबाई जैसी दृढ़ता दिखाई और देशभक्ति के मार्ग पर अडिग रहीं। आपातकाल जैसी कठिन घड़ी में उन्होंने जेल जाना पसंद किया, लेकिन अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।”
महिला और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए किए जा रहे कामों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आज हमारी अनुसूचित जनजाति की बहन द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद पर प्रतिष्ठित किया गया है। यह यश भारत की लोकतांत्रिक शक्ति और प्रधानमंत्री के संकल्प को जाता है।
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