
जयपुर । राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Former Chief Minister of Rajasthan Vasundhara Raje) ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई ने यह सिद्ध कर दिया था कि (Lokmata Ahilyabai had proved that) नारी शक्ति में नेतृत्व के संपूर्ण गुण विद्यमान हैं (Women Power has all the qualities of Leadership) । नारी शक्ति के सामर्थ्य को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि नारी हर जिम्मेदारी निभाने में निपुण होती है, चाहे वह घर-परिवार की ‘राशन’ संभालने की जिम्मेदारी हो या देश-प्रदेश के ‘शासन’ की।
राजे ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के ऐतिहासिक कार्यकाल में मोदी सरकार द्वारा ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को मंजूरी देना पूज्या अहिल्याबाई होलकर जैसी वीरांगनाओं को सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने महिलाओं के दैनिक जीवन में किए जाने वाले अथक कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाएं उसी सड़क पर चलकर घर आती हैं, जिस पर चलकर पुरुष आते हैं, लेकिन वे पुरुषों की तरह यह नहीं कहतीं कि ‘ओहो मैं थक गई।’
राजे ने आगे कहा कि महिलाएं घर और बाहर का पूरा काम करती हैं। वे खाना बनाती हैं, खिलाती हैं, बर्तन साफ करती हैं, लेकिन फिर भी पुरुषों की तरह जूते फेंक कर यह नहीं कहतीं कि ‘मैं थक गई।’ यह टिप्पणी महिलाओं के अदम्य साहस और समर्पण को उजागर करती है, जो बिना किसी शिकायत के अपनी जिम्मेदारियों को निभाती हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अहिल्याबाई होलकर को धर्म की रक्षक ऐसी शासक बताया, जिन्होंने पूरे भारतवर्ष में, बद्रीनाथ से लेकर रामेश्वरम तक और द्वारिका से लेकर पुरी तक, आक्रमणकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए मंदिरों का पुनर्निर्माण करवाया। इनमें काशी का प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर भी शामिल है। राजे ने अहिल्याबाई के इस योगदान को उनके धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत के प्रति समर्पण का प्रमाण बताया।
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