
इंदौर। प्राधिकरण की अभी हुई बोर्ड बैठक में रसोमा-रोबोट फ्लायओवर के अलावा मालवा मिल से पाटनीपुरा होते हुए होटल वॉव रसोमा तक एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए फिजिबिलिटी सर्वे कराना तय किया गया। पिछले दिनों प्राधिकरण ने इसके टेंडर बुलाए थे और तीन फर्मों ने हिस्सा लिया, जिसमें 18 लाख रुपए की राशि का ठेका इंडियन टेक्रो क्रेट लिमिटेड नई दिल्ली को देना तय किया गया। उक्त फर्म सर्वे कर बताएगी कि फ्लायओवरों के अलावा एलिवेटेड कॉरिडोर निर्मित किया जाना चाहिए अथवा नहीं। हालांकि अब रोबोट चौराहा पर फ्लायओवर इसलिए नहीं बन सकता क्योंकि मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर निर्मित हो चुका है। दूसरी तरफ केबल कार के लिए जो प्राधिकरण ने सर्वे करवाया था उसकी रिपोर्ट नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक कम्पनी को सौंपे का निर्णय भी लिया गया। 7 में से 2 रुटों को अंतिम रूप से तय किया गया और उसी का प्रजेंटेशन भी बोर्ड के समक्ष हुआ।
शहरी परिवहन को और सुगम बनाने के लिए केबल कार यानी रोप-वे प्रोजेक्ट का भी फिजिबिलिटी सर्वे प्राधिकरण ने हरियाणा की कम्पनी वापकोस लिमिटेड से करवाया, जिसने 7 रुट प्रस्तावित किए, जिनमें से दो रुट ब्लैक लाइन और ग्रीन लाइन को पसंद किया गया। ब्लैक लाइन की लम्बाई 4.73 किलोमीटर और उसमें 4 स्टेशन तथ ाग्रीन लाइन की लम्बाई 6.29 किलोमीटर और उसमें 6 स्टेशन प्रस्तावित किए गए। अब इस सर्वे की रिपोर्ट और दोनों रुटों के निर्माण का जिम्मा नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक कम्पनी को सौंपने का निर्णय लिया गया है और इन दोनों रुटों की लागत 737 करोड़ रुपए आंकी गई है। दूसरी तरफ प्राधिकरण बोर्ड ने दो नए फ्लायओवर और एक एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए भी फिजिबिलिटी सर्वे कराने के टेंडर बुलाए थे, जिसमें 3 कम्पनियों ने हिस्सा लिया और दिल्ली की एक कम्पनी ने 86 लाख रुपए, तो ठाणे मुंबई की कम्पनी ने 63 लाख रुपए का टेंडर भरा, जबकि उससे कम 18 लाख रुपए का टेंडर इंडियन टेक्रो क्रेट लिमिटेड नई दिल्ली का मंजूर किया गया।
प्राधिकरण सीईओ रामप्रकाश अहिरवार के मुताबिक ऑनलाइन ये टेंडर जारी किए गए थे। इसमें रोबोट के साथ-साथ रसोमा चौराहा पर भी फ्लायओवर प्रस्तावित किया गया था। मगर अब चूंकि रोबोट चौराहा से तो मेट्रो ट्रेन का एलिवेटेड कॉरिडोर निर्मित हो गया है। लिहाजा रसोमा पर अब फ्लायओवर नहीं बन सकता। अलबत्ता रसोमा चौराहा पर अवश्य उसका फिजिबिलिटी सर्वे उक्त कम्पनी द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा मालवा मिल चौराहा से पाटनीपुरा होते हुए होटल वॉव तक न्यू देवास रोड पर भी एक एलिवेटेड कॉरिडोर प्रस्तावित किया गया है। यह कॉरिडोर मौके पर निर्मित हो सकता है या नहीं यह फिजिबिलिटी सर्वे से ही तय होगा। वहीं दूसरी तरफ प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में अन्य निर्णय भी लिए गए, जिसमें नगर नियोजन विकास योजना क्रमांक 10, ग्राम बांगड़दा, इंदौर (भाग-ए) की निविदा, इंदौर में कान्ह नदी पर और एमआर-12 रोड पर नदी पुल के निर्माण के लिए परियोजना प्रबंधन परामर्श सेवाओं के लिए प्रस्ताव हेतु अनुरोध (आरपीएफ) के कार्य की निविदा, नगर नियोजन योजना 10, ग्राम पालाखेड़ी, टिगरिया बादशाह, लिंबोदगरी, इंदौर का विकास (भाग-सी) की निविदा, प्राधिकरण की योजना क्रमांक 166 चरण ढ्ढङ्क, इंदौर का विकास कार्य की निविदा, योजना क्रमांक 151 एवं 169 बी, सेक्टर-डी, सुपर कॉरिडोर, इंदौर में 34 लाख लीटर क्षमता की 21.0 मीट्रिक टन क्षमता की ओवरहेड पानी की टंकी का डिजाइन एवं निर्माण के कार्य की निविदा, योजना क्रमांक 151 एवं 169 बी, सेक्टर-डी, सुपर कॉरिडोर, इंदौर में 34 लाख लीटर क्षमता की 21.0 मीट्रिक टन क्षमता की ओवरहेड पानी की टंकी का डिजाइन एवं निर्माण के कार्य की निविदा। इस प्रकार कुल राशि रूपये 90.00 करोड़ की न्यूनतम निविदाऐें संचालक मण्डल द्वारा स्वीकृत की गई। संचालक मण्डल द्वारा योजना क्रमांक 166 में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (स्ञ्जक्क) से उपसर्जित होने वाले सीवर को उपचारित किए जाने हेतु नगर पालिक निगम को राशि रूपये 16.98 करोड़ दिये जाने का निर्णय लिया गया।
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