
नई दिल्ली। दुनियाभर में पाकिस्तान (Pakistan) को बेनकाब कर और ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की सच्चाई सामने रखने के बाद जल्द ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल (All party delegation.) भारत लौटने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी नेताओं से बात कर सकते हैं। अगले सप्ताह दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक हो सकती है। इस दौरान सभी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के देशों के अनुभव और भारत के बारे में विचार साझा करेंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से सात प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर के देशों के दौरे पर निकले थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने दुनियाभर में 33 देशों का दौरा किया। सभी समूहों में कई दलों के सांसद और अन्य लोग शामिल थे। इसमें अनुभवशाली राजनियक और वरिष्ठ राजनेता शामिल थे।
जिन सांसदों को प्रतिनिधिमंडल की कमान दी गई थी उनके नाम इस प्रकार हैं-
शशि थरूर- कांग्रेस
रविशंकर प्रसाद- बीजेपी
संजय कुमार झा- जेडीयू
बैजयंत पांडा- बीजेपी
कनिमोझी करुणानिधि- डीएमके
सुप्रिया सुले- एनसीपी
श्रीकांत एकनाथ शिंदे- शिवसेना
सभी सात प्रतिनिधिमंडलों में कुल 59 राजनेता शामिल थे। इसमें से 31 राजनेता एनडीए से थे और 20 अन्य दलों से थे। इस कार्यक्रम का हिस्सा कई राजनयिक भी थे।
मलेशिया की यात्रा पर पहुंचे सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की भारत की नीति पर जोर देते हुए कहा कि “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” कुआलालंपुर स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया में प्रधानमंत्री के विभाग (कानून एवं संस्थागत सुधार) में उप मंत्री वाईबी एम. कुला सेगरन के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक एक्शन पार्टी और ‘पार्टी केदिलन राक्यत इन मलेशिया’ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण और राष्ट्रीय संकल्प से अवगत कराया।
पोस्ट के मुताबिक, “चर्चा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया पर केंद्रित थी। आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की भारत की नीति पर जोर दिया गया और यह स्पष्ट किया गया कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।”
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