
ग्वालियर: देशभर में 7 जून को ईद-उल-अजहा (Eid Al-Adha) यानी बकरीद (Bakrid) मनाई जाएगी. लेकिन, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में बकरीद के अवसर पर कुर्बानी की अनुमति न मिलने पर याचिकाकर्ता के हाईकोर्ट (High Court) जाने का मामला सामने आया है. इसे लेकर उठे विवाद पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने अहम निर्णय दिया है.
यह मामला विदिशा जिले के हैदरगढ़ ग्राम पंचायत से जुड़ा है, जहां पंचायत सरपंच ने एक विशेष स्थान पर कुर्बानी करने की अनुमति देने से मना कर दिया था. इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने सीधे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अनुमति की मांग की थी. याचिका में कहा गया कि ग्राम पंचायत क्षेत्र में एक निर्धारित स्थान पर उन्हें बकरीद के दिन कुर्बानी की इजाजत दी जाए.
हालांकि, कोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए साफ किया कि याचिकाकर्ता को सीधे-सीधे हाईकोर्ट में आने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि ग्राम पंचायत के किसी भी निर्णय को चुनौती देने से पहले ग्राम पंचायत अधिनियम के तहत निर्धारित अपील प्रक्रिया का पालन आवश्यक है. कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक अधीनस्थ वैधानिक उपाय उपलब्ध है, तब तक याचिकाकर्ता को सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाना चाहिए.
इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने संबंधित एसडीओ को आदेश दिया कि वे याचिकाकर्ता की शिकायत पर 6 तारीख तक विचार करें और उसका समाधान करें. कोर्ट का यह आदेश पंचायत स्तर पर विवाद न बढ़ाने और स्थानीय स्तर पर समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है. यह निर्णय इस बात पर भी जोर देता है कि संवेदनशील मुद्दों पर पहले अधीनस्थ स्तर पर समाधान के प्रयास किए जाने चाहिए.
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