
हर ट्यूमर ब्रेन ट्यूमर नही होता…ऑपरेशन जरूरी नही
इंदौर। ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) के मामले हर साल लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अकेले एक सरकारी एमवाय (MYH) हॉस्पिटल में एक साल में लगभग 300 ऑपरेशन (300 operations) होते हैं। न्यूरो सर्जन डाक्टर्स (neuro surgeon doctors) का कहना है कि ट्यूमर वैसे तो कई प्रकार के होते हैं, मगर मुख्यरूप से 2 प्रकार के होते हैं। एक वो जो लगातार बढ़ते हैं, दूसरे वह जिनमे बढ़ोतरी नहीं होती ।
बढऩे वाले ट्यूमर ही जानलेवा होते हैं, बाकी ट्यूमर यानी जो बढ़ते नहीं हैं, उनसे कोई नुकसान नहीं होता। पिछले 33 सालों में निजी से लेकर सरकारी हॉस्पिटल में अभी तक सैकड़ो ऑपरेशन कर चुके न्यूरो सर्जन डॉक्टर गुप्ता ने अग्निबाण को बताया कि ट्यूमर का मतलब असामान्य कोशिकाओं का गुच्छा (समूह ) है, जो शरीर में गांठ अथवा गठान बनकर उभरता है। सिर्फ लगातार बढऩे वाले ट्यूमर ही नुकसान पहुंचाते हैं।
6 इंच का ब्रेन ट्यूमर निकाला
न्यूरो सर्जन डॉक्टर गुप्ता के मुताबिक एमवाय हॉस्पिटल में हर साल ऐसे ही ब्रेन ट्यूमर वाले लगभग 300 मरीजों के ऑपरेशन किए जाते हैं। अभी तक ऑपरेशन के जरिये 6 इंच साइज का ट्यूमर निकाला जा चुका है। अभी तक समय रहते जिनके भी ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन किए गए, उनमें से 99 प्रतिशत सफल रहे हैं।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
सिर में लगातार तेज दर्द बने रहना, देखने में धुंधला नजर आना, बार-बार चक्कर आना, उल्टी होना यह प्रमुख लक्षण हैं।
ब्रेन ट्यूमर इस कारण होता है
शरीर की कोशिकाओं के अनुवांशिक बदलाव यानी जेनेटिक चेंज के चलते या फिर रेडिएशन से सम्पर्क में आने पर या फिर खानदानी वजह होता है। मतलब परिवार में पहले की पीढिय़ों में यह बीमारी रह चुकी हो।
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