
लखनऊ । सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने आरोप लगाया कि कौशांबी में (In Kaushambi) दो भाजपाई उप मुख्यमंत्री (Two BJP Deputy Chief Ministers) दो समाज के लोगों को आपस में लड़वा रहे हैं (Are making people of two communities fight among themselves) ।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि भाजपा की अंदरूनी राजनीति की शर्मनाक लड़ाई में, अब कौशांबी में दो भाजपाई उप मुख्यमंत्री, दो समाज के लोगों को आपस में लड़वा रहे हैं। पहले एक उप मुख्यमंत्री ने नाइंसाफी करते हुए ‘पाल’ समाज के लोगों को मोहरा बनाया, फिर दूसरे उप मुख्यमंत्री ने अपने उस समाज के नाम पर झूठी सहानुभूति दिखाई, जो समाज इन दोनों के ‘ऊपरवालों’ को नहीं भाता है, इसलिए पीछे से वो भी सक्रिय हो गए, जिनकी पहले वाले उप मुख्यमंत्री से पुरानी खींचातानी है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि इन ‘ऊपरवालों’ के ‘ऊपर वालों’ की भी आपस में टकराहट है, इसलिए केंद्र वाले, कौशांबी की राजनीति करने वालों के साथ खड़े हैं। ध्यान से समझा जाए तो ये भाजपा की अंदर की राजनीति में मचा एक बड़ा घमासान है, जिसमें दो या दो से अधिक समाजों को आपस में भिड़वाकर ‘कौशांबी, लखनऊ, दिल्ली’ की भाजपाई राजनीति अपना वीभत्स खेल-खेल रही है, जिसका शिकार जनता हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में वो भी कूद पड़े हैं जिनका समाज ‘सत्ता सजातीय’ राजनीति का विशेष रूप से शिकार है और लगातार सत्ता के निशाने पर है, जिसके कारण दूसरे उप मुख्यमंत्री अपने समाज पर हो रहे अत्याचार और अपमान पर अपनी कुर्सी बचाने के लिए सुविधाजनक चुप्पी साधे बैठे हैं। कौशांबी के मामले में उनको लगा कि जब वो कुछ सक्रियता दिखाएंगे तो शायद सत्ता द्वारा निरंतर उत्पीड़ित व अपमानित किए जा रहे उनके अपने समाज में वो मुंह दिखाने लायक बन जाएंगे।
अखिलेश ने पोस्ट में आगे कहा कि सच तो ये है कि भाजपाइयों को जनता या किसी समाज की कुछ नहीं पड़ी है, सब अपनी-अपनी खो चुकी ज़मीन फिर से तलाशना चाहते हैं। लेकिन अब जनता बहुत चौकन्नी और जागरूक है, वो भाजपा की विभाजनकारी नकारात्मक राजनीति को अब और पनपने नहीं देगी। शीर्ष भाजपाइयों और शिखर भाजपाइयों के आपसी झगड़े के कारण, हर वर्ग और समाज बीच में पिस रहा है। सच्चाई तो ये है कि समाज को बांटना और लड़ाना ही भाजपाइयों की पुरानी साज़िशाना सियासत रही है, जिसे उन्होंने उन अंग्रेज़ों से सीखा है, जिनका उन्होंने हमेशा साथ दिया था।
उन्होंने कहा कि कौशांबी भाजपा के अन्याय का शिकार है। भाजपा से हर वर्ग और समाज को अब और भी सचेत व सतर्क रहना पड़ेगा, नहीं तो ये भाजपाई समाजों के बीच आग लगाकर अपनी सियासी रोटी सेंकने में लगे रहेंगे, एक को फंसाकर आत्महत्या पर मजबूर करेंगे तो दूसरे पर इनाम घोषित करवाएंगे। कौशांबी का बच्चा-बच्चा जानता है कि सच क्या है। भाजपा राजनीति को इस स्तर पर ले जाएगी किसी ने सोचा भी न था। अब जनता, भाजपा की बंटवारे की इस राजनीति को समझ रही है और समझदारी से इनके ख़िलाफ एकजुट हो रही है। यही कारण है कि जहाँ भी कुछ लोग और समाज भाजपा के विरुद्ध जाते दिखते हैं ये भाजपाई उनके बीच झूठे आरोप-प्रत्यारोप और एफ़आइआर-मुक़दमों की दीवार खड़ी कर देते हैं। अखिलेश ने पोस्ट में अंत में लिखा कि भाजपा के सियासी षड्यंत्र का मुक़ाबला समाज की एकता ने देना शुरू कर दिया है। इसलिए हर पीड़ित-उत्पीड़ित भाजपा को हराने-हटाने के लिए लामबंद हो गया है। भाजपाई नाइंसाफी हारेगी।
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