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जाट समाज अपनी मांगों को लेकर 29 जून को डहरा मोड़ पर करेगा विशाल ‘हुंकार रैली’ का आयोजन

June 12, 2025

नई दिल्‍ली । भरतपुर, धौलपुर और डीग (Bharatpur, Dholpur and Deeg) के आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को जाट समाज (Jat society) की एक विशाल महापंचायत (Mahapanchayat) का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के प्रमुख लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में जाट समाज ने अपनी लंबित मांगों पर गहन चर्चा की और सरकार पर दबाव बनाने के लिए आगे की रणनीति तय की। महापंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 29 जून को नेशनल हाईवे स्थित डहरा मोड़ गांव में एक विशाल ‘हुंकार रैली’ का आयोजन किया जाएगा, जिसके माध्यम से समाज अपनी एकजुटता और संकल्प का प्रदर्शन करेगा।

जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि जाट समाज चार प्रमुख मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहा है। इन मांगों में केंद्रीय सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी के तहत आरक्षण सुनिश्चित करना, 2015 से 2017 के दौरान विभिन्न विभागों में चयनित जाट अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति प्रदान करना, जाट समाज के गौरव महाराजा सूरजमल के नाम पर एक कल्याण बोर्ड का गठन करना, और पूर्व में हुए आरक्षण आंदोलनों के दौरान जाट समाज के सदस्यों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेना शामिल है। फौजदार ने स्पष्ट किया कि जब तक इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता, जाट समाज का आंदोलन जारी रहेगा।


महापंचायत में यह भी तय किया गया कि 29 जून की ‘हुंकार रैली’ से पहले जाट समाज के गांवों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया जाएगा और प्रत्येक घर से ‘मटकी में एक दाना और एक रुपया’ एकत्रित किया जाएगा, जो समाज के एकजुटता और आर्थिक योगदान का प्रतीक होगा। इस अभियान की शुरुआत 12 जून को रूपवास में पहली नुक्कड़ सभा के साथ होगी। इसके बाद, 25 से 29 जून के बीच डहरा मोड़ के आसपास के गांवों में सघन संपर्क अभियान चलाया जाएगा ताकि ‘हुंकार रैली’ में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

महापंचायत के समापन के बाद, जाट समाज के प्रतिनिधियों ने डीग के उपखंड मजिस्ट्रेट (SDM) को मुख्यमंत्री के नाम एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में जाट समाज की चारों प्रमुख मांगों को विस्तार से रेखांकित किया गया है और सरकार से इन पर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है। जाट समाज के नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह एकजुट हैं और ‘हुंकार रैली’ के माध्यम से अपनी आवाज को और अधिक बुलंद करेंगे। उनका कहना है कि यह केवल आरक्षण का मामला नहीं है, बल्कि जाट समाज के स्वाभिमान, अधिकारों और न्याय से जुड़ा मुद्दा है।

यह आंदोलन ऐसे समय में हो रहा है जब विभिन्न समुदायों द्वारा आरक्षण और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की मांग जोर पकड़ रही है। जाट समाज का यह कदम सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश कर सकता है, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए। समाज के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और इसके परिणाम स्वरूप व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं। 29 जून की ‘हुंकार रैली’ इस आंदोलन की दिशा और दशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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