
पचमढ़ी। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के खूबसूरत हिल स्टेशन पचमढ़ी (Beautiful hill station Pachmarhi) में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 14 जून से शुरू हुआ, जिसमें पार्टी के सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को अनुशासन, विचारधारा और संवाद कौशल की ट्रेनिंग दी जा रही है। लेकिन रविवार सुबह होटल के मुख्य द्वार पर ड्यूटी दे रहे दो पुलिस अधिकारियों के बीच हुई तीखी बहस ने सबका ध्यान खींच लिया। यह घटना उस समय हुई जब एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने अपने जूनियर को ड्यूटी के दौरान टोपी न पहनने पर फटकार लगाई, जिसके बाद बात इतनी बढ़ गई कि दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
‘टोपी’ बनी तकरार का कारण
जानकारी के अनुसार, होशंगाबाद से आए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एक सब-इंस्पेक्टर (SI) को ड्यूटी के दौरान वर्दी में टोपी न पहनने पर ‘साला’ कहकर संबोधित किया। इस अपमानजनक टिप्पणी से नाराज SI ने पलटकर जवाब दिया, और देखते ही देखते दोनों के बीच बहस छिड़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह तकरार कुछ मिनटों तक चली, और आसपास मौजूद लोगों ने इसे हैरानी से देखा। यह घटना उस शिविर के दौरान हुई, जहां BJP नेता अपने कार्यकर्ताओं को अनुशासन और संयम का पाठ पढ़ाने आए थे, जिससे स्थिति और भी विडंबनापूर्ण हो गई।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में पुलिस अफसर आपस में झगड़ा करते नजर आ रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने भी सरकार और पुलिस पर तंज कसा है।
कांग्रेस नेता ने कसा तंज
कांग्रेस प्रवक्ता शैलेंद्र पटेल ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “जब कप्तान ही दिशा भटके, तो टीम से अनुशासन की उम्मीद कैसी?” पचमढ़ी में भाजपा सरकार के तथाकथित चिंतन शिविर में मंथन कम, मारपीट ज़्यादा होती दिखी — पुलिसकर्मी आपस में ही भिड़ते नज़र आए। अब सवाल उठता है, जब गृहमंत्री मोहन यादव जैसे व्यक्ति हों, तो प्रदेश के पुलिस प्रशासन में अनुशासन कैसे रह सकता है? गृहमंत्री की भूमिका अब महज़ शोपीस बनकर रह गई है — न निगरानी, न नियंत्रण, न कार्यशैली में पारदर्शिता। यह घटनाक्रम बताता है कि मध्यप्रदेश में शासन का नियंत्रण बेलगाम होता जा रहा है — और भाजपा सरकार उसे “चिंतन” का नाम दे रही है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved