
बेंगलुरु। कर्नाटक (Karnataka) में एक बार फिर नंदिनी बनाम अमूल डेयरी (Nandini Vs Amul Dairy) का विवाद राजनीतिक लड़ाई (Political fight.) बनती जा रही है। दरअसल, कर्नाटक सरकार (Government of Karnataka) ने गुजरात स्थित डेयरी ब्रांड अमूल को बेंगलुरु के 10 मेट्रो स्टेशनों पर कियोस्क खोलने की अनुमति दी है। अब विपक्षी दल भाजपा और जेडीएस कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि राज्य सरकार राज्य द्वारा संचालित ब्रांड नंदिनी को बढ़ावा देने में विफल रही है।
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कियोस्क स्थापित करने के लिए टेंडर जारी किया था। यह टेंडर अमूल डेयरी को मिला है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार को चाहिए था कि सभी 10 कियोस्क के संचालन का जिम्मा कर्नाटक मिल्क फेडरेशन द्वारा संचालित नंदिनी ब्रांड को दे देना चाहिए था।
कमीशन के लिए अपना आत्मसम्मान बेच दिया : JDS
कांग्रेस के पूर्व सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) ने कन्नड़ में #SaveNandini हैशटैग के साथ एक लंबे एक्स पोस्ट में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर निशाना साधा है।जेडीएस ने सोशल मीडिया पर डीके शिवकुमार पर कमीशन के लिए अपना आत्मसम्मान बेचने का आरोप लगाया है और कहा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में वोट जीतने के लिए कांग्रेस ने नंदिनी ब्रांड का इस्तेमाल किया था।
2023 में भी गहराई थी नंदिनी बनाम अमूल डेयरी की लड़ाई
बता दें कि 2023 के चुनाव के समय भी नंदिनी बनाम अमूल डेयरी की लड़ाई गहराई थी, तब कांग्रेस ने नंदिनी ब्रांड का साथ दिया था । इसकी वजह से पार्टी ने भाजपा पर आश्चर्यजनक रूप से बड़ी जीत हासिल की थी। जेडीएस ने एक्स पर लिखा है, “चुनावों से पहले डीके दावा करते थे कि कन्नड़ लोगों का आत्मसम्मान बिकाऊ नहीं है… आज उन्होंने कमीशन के लिए दूसरे राज्यों के लोगों के लिए दूध उत्पादों पर रोक लगा दी है।”
एक्स पर आगे लिखा गया है, “बेंगलुरु के 10 से अधिक मेट्रो स्टेशनों को राज्य के बाहर के दूध उत्पादों को बेचने की अनुमति दी गई है। कांग्रेस ने अपने प्रचार के लिए नंदिनी ब्रांड, हमारे किसानों और सभी कन्नड़ लोगों के गौरव का इस्तेमाल किया, (और) इसे (चुनाव के बाद) भूल गई।” भाजपा के पीसी मोहन ने भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले भाजपा पर बाहरी लोगों का पक्ष लेने का झूठा आरोप लगाया था, लेकिन अब उन्हीं बाहरी लोगों को टेंडर दिया जा रहा है।
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