
नई दिल्ली । 12 जून को अहमदाबाद(Ahmedabad) में हुए भीषण विमान हादसे(terrible plane crash) की वजह अब तक सामने नहीं आई है। यहां 242 लोगों को ले कर उड़ान भरने वाला एयर इंडिया(Air India) का बोइंग ड्रीमलाइनर(Boeing Dreamliner) विमान टेक ऑफ करने के कुछ मिनटों के भीतर ही संतुलन खो बैठा और एक रिहायशी इलाके के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में विमान में सवार 241 लोगों समेत कुल 270 लोगों की मौत हो गई। इस भयावह विमान हादसे की जांच जारी है। इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत को प्लेन क्रैश की जांच में मदद की पेशकश की थी, हालांकि भारत ने इसकी इजाजत नहीं दी।
मामले से परिचित सूत्रों ने बताया है कि भारत इस मामले की जांच में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को शामिल होने की अनुमति नहीं देगा। जानकारी के मुताबिक इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र की विमानन एजेंसी ने भारत को जांच में मदद की पेशकश की थी, जिसे भारत ने ठुकरा दिया है। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने भारत में मौजूद अधिकारियों को ऑब्जर्वर का भूमिका देने के लिए कहा था, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
भारत की तरफ से इंडिया सिविल एविएशन ऑथोरिटी (एएआईबी) ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। इससे पहले इंटरनेशनल सिविल एविएशन एजेंसी ने 2014 में दुर्घटनाग्रस्त हुए मलेशिया के एक विमान और 2020 में यूक्रेन के जेटलाइनर सहित कुछ मामलों की जांच में मदद करने के लिए अपने कर्मचारियों को तैनात किया है। हालांकि इन मामलों में एजेंसी से खुद संपर्क किया गया था।
ब्लैक बॉक्स से रिकवर हो रहा डेटा
इस बीच सरकार ने गुरुवार को बताया है कि 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के ब्लैक बॉक्स से डेटा निकाला जा रहा है और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर तथा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का विश्लेषण किया जा रहा है। सरकार ने इस दुर्घटना के करीब 15 दिन बाद जांच को लेकर जानकारी दी है। वहीं केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति अहमदाबाद में विमान दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही है। समिति भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक दिशा निर्देशों का भी सुझाव देगी।
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