
जालना: जालना जिले (Jalna District) के भोकरदन ग्रामीण अस्पताल (Rural Hospital) में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. अस्पताल में एक गर्भवती महिला (Pregnant Woman) को सोनोग्राफी (Sonography) के लिए भर्ती किया गया था, लेकिन जांच से पहले नर्स (Nurse) ने जेली की जगह गलती से एसिड (Acid) लगा दिया. 28 साल की शिला संदीप भालेराव बुधवार सुबह प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल में भर्ती हुई थीं.
सोनोग्राफी से पहले नर्स ने पेट पर जो पदार्थ लगाया, उससे कुछ ही मिनटों में उन्हें जलन महसूस होने लगी. पेट में तेज दर्द और सूजन आने के बाद डॉक्टरों को इसकी गंभीरता का एहसास हुआ. जब तक स्थिति को संभाला जाता, महिला के शरीर के संवेदनशील हिस्से बुरी तरह जल चुके थे. दर्द और जलन के बीच शिला ने आधे घंटे बाद एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. सौभाग्य से बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है और उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन शिला के पेट और आसपास के हिस्से बुरी तरह झुलस चुके हैं. उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल के विशेष वार्ड में शिफ्ट किया गया.
इस घटना के बाद महिला के परिजन बहुत गुस्से में आ गए. जब उन्होंने नर्स से जवाब मांगा, तो नर्स ने उन्हें ही डांटना शुरू कर दिया और फिर दो घंटे तक अस्पताल से गायब हो गई. इस पूरी घटना ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है. स्थानीय नागरिकों और पीड़ित परिवार ने अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. सवाल ये भी है कि एक सरकारी अस्पताल में ऐसा कैसे हो सकता है कि जेली और एसिड को पहचानने की भी व्यवस्था ना हो. क्या वहां नर्सों को पर्याप्त ट्रेनिंग दी जाती है? क्या अस्पतालों में किसी तरह की निगरानी नहीं होती?
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