
कंचनबाग में चार माह बहेगी धर्म की गंगा… बड़ी संख्या में पहुंचे समाजजन
इंदौर। वागड़ विभूषण (Vagad Vibhushan) आचार्यश्री मृदुरत्नसागर सूरीश्वर मसा (Acharya Shri Mriduratna Sagar Surishwar Masa’s) ससंघ इंदौर (Indore) में चातुर्मास (Chaturmas) के लिए पधारे हैं। 42 साल बाद आचार्यश्री के चातुर्मास का सौभाग्य श्री नीलवर्णा पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट को मिला है। आज सुबह उनका भव्य मंगल प्रवेश हुआ। सैकड़ों समाजजनों ने आचार्यश्री की मंगल अगवानी की।
आचार्यश्री 4 माह तक कंचनबाग के जिनालय और उपाश्रय में हर दिन प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। श्री नीलवर्णा पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट और चातुर्मास समिति अध्यक्ष अशोक बाफना, विजय मेहता ने बताया कि मालव भूषण आचार्यश्री नवरत्नसागर सूरीश्वर मसा के शिष्य आचार्यश्री ने ससंघ सुबह कंचनबाग जिनालय में प्रवेश किया। मंगल प्रवेश जुलूस में आचार्यश्री के साथ ही मुनिराज मोक्षरत्नसागर और मुनिराज पवित्ररत्नसागर सूरीश्वर का सान्निध्य भी श्रावक-श्राविकाओं को मिला। सूर्यकांतश्रीजी मसा की शिष्या साध्वीश्री सुधाशनाश्रीजी और साध्वी मुदिताश्रीजी मसा आदिठाणा भी इस जुलूस में शामिल हुईं। सुबह नवकारसी के बाद आचार्यश्री का मंगल प्रवेश जुलूस साउथ तुकोगंज से निकला, जिसमें संजय जैन मोगरा, कल्पक गांधी, रूपेश शाह, मनोज जैन, प्रदीप मण्डोवरा, संजय लुनिया, दिलीप जैन, राजेंद्र लुनिया, प्रकाश व्होरा, मनोज भाचावत, दिनेश जैन, दीपक कोठारी, नवीन चौरडिय़ा, विमल नाहर, महेश गोलेचा सहित श्वेताम्बर जैन समाज सहित सभी श्रीसंघों के पदाधिकारी, महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुईं। मंगल प्रवेश जुलूस के बाद आचार्यश्री ने कंचनबाग में प्रवचन भी दिए। दोपहर 12 बजे स्वामी वात्सल्य का आयोजन भी हुआ।
ये रहे लाभार्थी
मंगल प्रवेश जुलूस के मुख्य लाभार्थी कैलाशचंद-राजवन्ता, संदीप-समता, रूपेश-प्रीति, अविश-रिशीता, डॉ. आयुष, आदिश, रित, अविर जैन व व्होरा परिवार (राजगढ़वाला) है। इस दौरान सैकड़ों समाजजन भी मौजूद रहे। चातुर्मास के लिए आकर्षक पंडाल तैयार किया गया है, वहीं बारिश के मद्देनजर भी विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। आचार्यश्री के मंगल प्रवचनों का लाभ लेने देशभर से उनके भक्तगण इंदौर आएंगे। आचार्यश्री की निश्रा में बच्चों के लिए संस्कारों की पाठशाला और युवाओं के लिए भी विशेष शिविर आयोजित होंगे।
42 साल बाद मिला आचार्यश्री का सानिध्य
चातुर्मास समिति आयोजकों ने बताया कि इंदौर की धरा पर आचार्यश्री का चातुर्मास 42 साल बाद पहली बार आयोजित हो रहा है, जिससे समग्र श्वेताम्बर जैन समाज में हर्ष की लहर है। आचार्यश्री 15 साल बाद इंदौर में चातुर्मास निमित्त पधारे हैं। आचार्यश्री ने पूरा जीवन तप, त्याग, व संयम को समर्पित कर रखा है। आचार्यश्री के निर्देशन में कई जिनालयों व उपाश्रय का निर्माण भी हुआ है।
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