
नई दिल्ली । कर्नाटक(Karnataka) में कांग्रेस विधायक (Congress MLA )एचए इकबाल हुसैन (HA Iqbal Hussain)ने दावा किया कि उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister )डीके शिवकुमार(DK Shivakumar) को अगले 2-3 महीनों के अंदर राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। शिवकुमार के करीबी माने जाने वाले विधायक की यह टिप्पणी कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच आई है। सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने सितंबर के बाद राज्य में क्रांतिकारी राजनीतिक घटनाक्रम का हाल में संकेत दिया था। रामनगर में यह पूछे जाने पर कि क्या शिवकुमार के पास मुख्यमंत्री बनने का मौका है, तो हुसैन ने कहा, ‘आप सभी जानते हैं कि इस सरकार के सत्ता में आने से पहले हमारी ताकत क्या थी। इस जीत को हासिल करने के लिए किसने संघर्ष किया, पसीना बहाया, मेहनत की और किसकी दिलचस्पी थी, यह सभी जानते हैं। उनकी रणनीति और कार्यक्रम अब इतिहास बन चुके हैं।’
इकबाल हुसैन ने कहा, ‘मैं अटकलों पर विश्वास नहीं करता। हमें पूरा विश्वास है कि आलाकमान स्थिति से अवगत है और उन्हें मौका देने के लिए सही समय पर उचित निर्णय लेगा।’ शिवकुमार कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष भी हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवकुमार इस साल मुख्यमंत्री बनेंगे, तो हुसैन ने जवाब दिया, ‘हां, मैं यह कह रहा हूं। सितंबर के बाद क्रांतिकारी राजनीतिक घटनाक्रम के लिए कुछ नेता जिस तारीख का संकेत दे रहे हैं – वे उसी के बारे में बात कर रहे हैं। दो से तीन महीने के भीतर फैसला हो जाएगा।’
इकबाल हुसैन ने आखिर क्या कहा
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य यतींद्र सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बदले जाने को महज अटकलें बताकर खारिज कर दिया था। इस बारे में पूछे जाने पर हुसैन ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद सरकार गठन का फैसला किया था। उन्होंने कहा, ‘हम सब उस समय दिल्ली में एक साथ थे। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने निर्णय लिया। यह सभी जानते हैं। वे अगला निर्णय भी लेंगे। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा।’ मई 2023 में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली थी।
बारी-बारी सीएम बनाए जाने का फॉर्मूला
कांग्रेस शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने के लिए मनाने में सफल रही थी। उस समय खबरों में बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाए जाने का फॉर्मूला सामने आया था, जिसमें ढाई साल बाद शिवकुमार के मुख्यमंत्री पद संभालने की बात थी। हालांकि, इसकी कभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को कभी छुपाया नहीं है। क्रांतिकारी राजनीतिक बदलावों के बारे में राजन्ना की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए हुसैन ने कहा कि किसी योग्य व्यक्ति को अनुमति देना क्रांति नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा, ‘क्रांति का क्या मतलब है? राजनीति में बदलाव आम बात है। समय आने पर आलाकमान तय करेगा कि किसे जिम्मेदारी दी जाए। आज की परिस्थितियों में अच्छा प्रशासन देने में सक्षम उपयुक्त व्यक्ति को मौका मिलेगा और वह अपना कर्तव्य निभाएगा। बदलाव की उम्मीद तो है, लेकिन इसे क्रांति नहीं कहा जा सकता।’
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