
इंदौर। प्राधिकरण वैसे तो शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर फ्लायओवर निर्मित करवाने के प्रयास में जुटा है और एक दर्जन चौराहों का फिजिबिलिटी सर्वे भी करवा लिया है, वहीं एमआर-10 रेलवे ओवरब्रिज जो वर्तमान में फोरलेन बना है, उसी के बगल में नया फोरलेन फ्लायओवर भी बनाने जा रहा है, जिस पर 80 करोड़ की राशि खर्च होगी और एक-दो दिन में इसके टेंडर खुल जाएंगे। लगभग 18 साल पहले प्राधिकरण ने एमआर-10 का वर्तमान फ्लायओवर बीओटी पर बनवाया था और उसके एवज में ठेकेदार कम्पनी ने 17 सालों तक टोल टैक्स भी वसूला। लवकुश चौराहा पर आधी रात के बाद रोजाना भारी-भरकम सेगमेंट और गर्डरों की लॉन्चिंग डबल डेकर ब्रिज को तय समयसीमा में पूरा करने के लिए की जा रही है। प्राधिकरण के प्रयास हैं कि इसी स्पीड से काम चलता रहा तो अगले 6 महीने में इस पर से यातायात शुरू कर दिया जाएगा।
प्राधिकरण ने महूनाका, बड़ा गणपति के साथ-साथ बीआरटीएस कॉरिडोर, एबी रोड पर भी फ्लायओवरों के निर्माण का सर्वे करवाया है। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया कि एबी रोड पर लोक निर्माण विभाग द्वारा ही फ्लायओवर बनाए जाएंगे या नहीं, क्योंकि एलिवेटेड कॉरिडोर का टेंडर अभी तक शासन ने निरस्त नहीं किया है। दूसरी तरफ प्राधिकरण एमआर-12 पर कान्ह नदी पर भी एक सिक्स लेन का फ्लायओवर बनवा रहा है। चूंकि इसमें भोपाल के ऐशबाग की तरह लगभग 90 डिग्री का टर्न आ रहा है, जिसके चलते नगर तथा ग्राम निवेश से अलाइनमेंट बदलवाया जा रहा है। दूसरी तरफ लवकुश चौराहा पर सिक्स लेन के एक फ्लायओवर को तो यातायात के लिए चालू कर दिया है, जिससे अब चौराहे पर यातायात जाम में फंसे बिना सीधे सुपर कॉरिडोर, एयरपोर्ट जाना-आना आसान हो गया है। यहीं पर बाणगंगा से उज्जैन की ओर डबल डेकर ब्रिज का निर्माण भी प्राधिकरण करवा रहा है, जिस पर लगभग 175 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है।
प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार के मुताबिक अभी काम की स्पीड लगातार अच्छी बनी हुई है और सेगमेंट के साथ-साथ गर्डरों की लॉन्चिंग चल रही है। कुल 247 सेगमेंट लॉन्च किए जाना है, जिनमें से अभी 110 से अधिक लॉन्च हो चुके हैं। अगले दो महीने तक यह कार्य जारी रहेगा। चूंकि 12 टन वजन के इन भारी-भरकम सेगमेंट को लॉन्च करने के लिए विशालकाय क्रैनें लगती हैं और दिन में यह काम चलते यातायात के चलते नहीं हो पाता। लिहाजा आधी रात के बाद रोजाना लॉन्चिंग का कार्य चल रहा है। 1452 मीटर इसकी लम्बाई रहेगी और 24 मीटर यह डबल डेकर ब्रिज चौड़ा बनेगा। इसके साथ ही प्राधिकरण अभी एमआर-10 पर जो वर्तमान में फ्लायओवर है उसे 8 लेन में परिवर्तित करने जा रहा है। 18 साल पहले प्राधिकरण की माली हालत खस्ता थी, जिसके चलते फोरलेन का यह फ्लायओवर बीओटी बनवाया और उसके एवज में 17 साल की टोल टैक्स की वसूली भी करवाई। हालांकि यह टोल टैक्स बीते एक साल से बंद हो गया है और वैसे भी कुछ वर्षों से स्थानीय लोगों से ठेकेदार ने वसूली करना बंद भी कर दी थी। अब इसी फ्लायओवर के बगल में नया फोरलेन का फ्लायओवर प्राधिकरण निर्मित करेगा, जिसका लाभ सिंहस्थ में बढऩे वाले यातायात के लिए तो मिलेगा ही, वहीं सुपर कॉरिडोर, एयरपोर्ट आने-जाने वालों को भी और अधिक राहत मिलेगी।
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