
नई दिल्ली। मौसम विभाग (Meteorological Department) की ताजा भविष्यवाणी (Prediction) से देश में किसानों के चेहरे खिलने तय हैं। इसके मुताबिक भारत में इस साल जुलाई में बारिश सामान्य से अधिक (Rainfall more than normal.) हो सकती है। वहीं, जुलाई में तापमान भी औसत से नीचे रहने का अनुमान जाहिर किया गया है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने एक चेतावनी भी दी है, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों में बाढ़ की आशंका (Possibility of flood) जताई गई है।
गौरतलब है कि जुलाई में किसान धान की रोपाई आदि करते हैं, इसलिए उन्हें खेतों में अधिक पानी की जरूरत होती है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि आंकड़ों में यह औसतन 106 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। इससे पहले जून में बारिश सामान्य से 8.9 फीसदी अधिक रही है। इसमें उत्तर पश्चिम भारत में 42.2 फीसदी और मध्य भारत में 24.8 फीसदी अधिक बरसात हुई है। वहीं, दक्षिण प्रायद्वीप में 2.7 फीसदी और और पूर्व व उत्तर-पूर्व भारत में बरसात में 16.9 फीसदी की कमी देखी गई। 1971 से 2020 के डेटा के आधार पर देश का जुलाई में लंबी बारिश का औसत करीब 280.4 मिमी है।
मॉनसून का मुख्य महीना है जुलाई
गौरतलब है कि जुलाई मुख्य मॉनसून महीना है। इसी मौसम में मॉनसून के चार महीनों जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर की कुल 87 सेमी औसत बारिश का 28 सेमी रिकॉर्ड होता है। यह कृषि के लिए भी एक महत्वपूर्ण महीना है क्योंकि जुलाई के दौरान धान और अन्य खरीफ (मॉनसून में बोई गई) फसलों की बुवाई होती है। मॉनसून भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत के कृषि क्षेत्र का 51 फीसदी भाग बारिश पर निर्भर है, जो उत्पादन का 40 फीसदी हिस्सा बनाता है। आईएमडी अधिकारियों ने सोमवार को कहाकि देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक सामान्य बारिश की संभावना है। हालांकि, उत्तरपूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्वी भारत के कई हिस्सों, दक्षिणी प्रायद्वीप भारत के चरम हिस्सों और उत्तरपश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है।
इन जगहों पर बाढ़ की आशंका
हालांकि, मौसम विभाग ने उत्तराखंड, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पूर्व मध्य भारत के कुछ हिस्सों जैसे ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, विदर्भ, और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी दी है। आईएमडी के महानिदेशक एम मोहपात्रा ने कहाकि हमारा दीर्घकालिक पूर्वानुमान दर्शाता है कि उत्तराखंड, हरियाणा-चंडीगढ़-हरियाणा क्षेत्र और मध्य तथा पूर्व मध्य भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होगी। हमें सतर्क रहना चाहिए और निरंतर निगरानी रखनी चाहिए। इन क्षेत्रों में कई नदी बेसिन हैं, यहां नदियां भी बह रही हैं। इसलिए बांधों आदि की लगातार निगरानी जरूरी है, ताकि पानी समय-समय पर छोड़ा जा सके।
उत्तराखंड को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी
आईएमडी निदेशक ने आगे कहाकि ध्यान देने वाली बात यह है कि उत्तराखंड में दक्षिण की ओर बहने वाली कई नदियां हैं। इन नदियों के किनारे कई महत्वपूर्ण कस्बे और शहर हैं। इनको लेकर हमें सतर्क रहना चाहिए। गौतलब है कि गंगा और यमुना की उत्पत्ति भी उत्तराखंड से ही होती है। गौरतलब है कि जून में बारिश देश में लगभग 9 फीसदी अधिक रही। लगभग 70 जगहों पर अत्यधिक भारी वर्षा (20 सेमी से अधिक) दर्ज की गई। वहीं, 432 जगहों पर बहुत भारी बारिश (15 से 20 सेमी) दर्ज की गई।
जुलाई कैसा रहेगा गर्मी का मिजाज
आईएमडी ने जुलाई में दिन और रात के तापमान को लेकर भी भविष्यवाणी की है। इसके मुताबिक जुलाई में कई क्षेत्रों में दिन और रात का तापमान सामान्य से नीचे रह सकता है। हालांकि पूर्वोत्तर भारत और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ क्षेत्रों में यह सामान्य से अधिक रह सकता है। गौरतलब है कि इस साल जून का महीना अपेक्षाकृत ठंडा था। जून में औसत अधिकतम तापमान (34.11 डिग्री सेल्सियस) 1901 के बाद 36वां सबसे कम और औसत न्यूनतम तापमान (24.88 डिग्री सेल्सियस) 86वां सबसे कम था। देश के लिए औसत तापमान भी 57वां सबसे कम था।
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