
नई दिल्ली. अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) वर्ष 2025 के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने अपनी माउंटेन रेस्क्यू टीमों (MRT) के लगभग 30 प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया है, ताकि दुर्गम पहाड़ी रास्तों (rugged mountain paths) से गुजरने वाले श्रद्धालुओं (Devotees) की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है. माउंटेन रेस्क्यू टीमों में पर्वतीय बचाव में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान शामिल हैं, जो बालटाल मार्ग के साथ कार्यरत रहेंगे. यह मार्ग अमरनाथ गुफा मंदिर तक जाने वाले दो प्रमुख रास्तों में से एक है.
इन टीमों का संचालन सीआरपीएफ के श्रीनगर सेक्टर के अंतर्गत होगा और जम्मू-कश्मीर की राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के साथ समन्वय में किया जाएगा. डीआईजी और संयुक्त नोडल अधिकारी सुधीर कुमार ने इस तैनाती की पुष्टि करते हुए ‘आजतक’ से कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सहायता प्रणाली को बेहतर बनाने में एमआरटी की भूमिका अहम होगी.
दो मार्गों से हो रही है यात्रा
उन्होंने कहा, “इनकी उपस्थिति न केवल रास्ते में शारीरिक कठिनाइयों का सामना कर रहे लोगों की मदद करेगी, बल्कि बाढ़, भूस्खलन या अन्य प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में त्वरित और समन्वित बचाव प्रयासों को भी सुनिश्चित करेगी.”
अमरनाथ यात्रा दो मार्गों पर हो रही है. पहलगाम और बालटाल रूट पर कुल मिलाकर के 54 माउंटेन रेस्क्यू टीम, अलग-अलग पैरामिलिट्री फोर्सेस की तैनात की गई है. मकसद यह है कि अगर अमरनाथ यात्रा रूट पर किसी भी तरीके से डिजास्टर की स्थिति आती है तो यात्रियों को पूरी तरीके से बचाया जा सके. इसी वजह से दोनों रूट पर माउंटेन रेस्क्यू टीम को तैनात किया गया है.
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