
नई दिल्ली। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party – BJP) ने मंगलवार को छह राज्यों में अपने अध्यक्षों का चुनाव किया। पिछले साल पार्टी के आंतरिक चुनाव (Internal Elections) शुरू होने के बाद से अब तक 22 राज्यों में उसके संगठनात्मक प्रमुखों (Organizational heads) का चुनाव हो चुका है। इसके साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President) के चुनाव के लिए एक आवश्यक औपचारिकता भी पूरी हो गई है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए हैं। यहां पार्टी ने संगठन में लंबे समय तक काम करने वाले और सामाजिक मानदंडों पर खरा उतरने वाले नेताओं को प्राथमिकता दी है। महाराष्ट्र में रवींद्र चव्हाण, तेलंगाना में एन रामचंदर राव, आंध्र प्रदेश में पी वी एन माधव, हिमाचल प्रदेश में राजीव बिंदल और उत्तराखंड में महेंद्र भट्ट को पार्टी अध्यक्ष घोषित किया गया है। इसके अलावा अंडमान निकोबार में अनिल तिवारी को पार्टी अध्यक्ष चुना गया है।
BJP ने राज्यों में किन्हें दी जिम्मेदारी?
आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कुछ और राज्यों में भी अध्यक्षों के नाम की घोषणा की जाएगी। मध्यप्रदेश में वरिष्ठ विधायक हेमंत खंडेलवाल ने ही नामांकन दाखिल किया, जिससे उनका चुनाव महज औपचारिकता बनकर रह गया। भाजपा के एक नेता ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने ऐसे उम्मीदवारों को चुना है जो किसी गुट का नेतृत्व करते नहीं दिखते और जिनकी व्यापक स्वीकार्यता है।
अहम पड़ाव पार
पिछले कुछ दिनों में प्रदेश प्रमुखों के चुनाव कर भाजपा ने पार्टी के संवैधानिक निर्देश को पूरा किया है, जिसके तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू की गई है। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूदा अध्यक्ष जे पी नड्डा की जगह लेंगे। भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले इसके 37 संगठनात्मक राज्यों में से कम से कम 19 में अध्यक्षों का चुनाव होना आवश्यक है।
नड्डा को मिला है विस्तार
बता दें कि जनवरी 2020 में चुने गए नड्डा का तीन साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से उन्हें विस्तार मिलता रहा है। पहले उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों को मद्देनजर और फिर संगठनात्मक चुनावों को देखते हुए विस्तार दिया गया था।
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