
नई दिल्ली । महाराष्ट्र (Maharashtra) में हिंदी (Hindi) थोपे जाने के आरोपों के बीच चल रहे भाषा विवाद (Language controversy) पर नया मोड़ आ गया है। प्राइमरी स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने के फैसले के बाद अब महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने 3 अक्तूबर को शास्त्रीय मराठी भाषा दिवस (marathi language day) मनाने का ऐलान किया है। शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि 3 से लेकर 9 अक्टूबर तक पूरा सप्ताह शास्त्रीय मराठी भाषा सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जारी आदेश में इस सप्ताह में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी गई। आदेश के मुताबिक पूरे हफ्ते शास्त्रीय मराठी भाषा सप्ताह मनाने के बाद इसी संबंध में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन समारोहों का उद्देश्य मराठी के बारे में रिसर्च और जन जागरुकता को बढ़ाना और भाषा के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाना शामिल होगा।
सरकार ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को मराठी भाषा जिला समिति के प्रमुख के रूप में नामित किया और इसके साथ ही इस पूरे सप्ताह के दौरान कार्यक्रमों की रूप रेखा बनाने का निर्देश दिया। आदेश में कहा गया है, “शास्त्रीय मराठी भाषा सप्ताह के दौरान शास्त्रीय मराठी भाषा के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान, सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशालाएं और शिविर आयोजित किए जाने चाहिए। शास्त्रीय मराठी ग्रंथों की प्रदर्शनी आयोजित की जानी चाहिए। साथ ही, ताम्रपत्र शिलालेखों/शिलालेखों की प्रदर्शनी आयोजित करके छात्रों और आम जनता को मराठी भाषा की शास्त्रीय साहित्यिक परंपरा से परिचित कराया जाना चाहिए।”
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