
मुंबई । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) ने सफाई दी कि मनसे कार्यकर्ता (MNS Workers) वैकल्पिक मार्ग पर सहमत नहीं थे (Did not agree on Alternative Route) इसलिए अनुमति नहीं मिली (So Permission was not given) । उन्होंने कहा कि मनसे कार्यकर्ता पुलिस की तरफ से तय मार्ग पर नहीं जा रहे थे, इसलिए प्रशासन ने उनके मार्च को अनुमति नहीं दी ।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “यह कहना गलत होगा कि हमने मीरा रोड पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। मैंने कमिश्नर से बात की है, जिन्होंने मुझे बताया कि पुलिस ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार नहीं किया है। हमने उनसे वैकल्पिक मार्ग लेने के लिए कहा, लेकिन वे इसके लिए सहमत नहीं थे। इसलिए यह कहना गलत होगा कि मोर्चा को अनुमति नहीं दी गई।”
फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र में किसी को भी आंदोलन करने की इजाजत है। यह लोकतांत्रिक राज्य है और जो भी मोर्चा निकालना चाहता है, परमिशन लेकर निकाल सकता है। हालांकि यह पता होना चाहिए कि रूट किस हिसाब से होता है। भीड़भाड़, ट्रैफिक और किसी तरह की भगदड़ जैसी अनहोनी न हो, इसके लिए पुलिस रूट चेंज करने को कहती है। जब मैंने पुलिस कमिश्नर से पूछा, तो उन्होंने बताया कि हमने उन्हें (मनसे कार्यकर्ताओं) को रूट चेंज करने को कहा, लेकिन वो इस रूट को बदलने को तैयार नहीं थे।”
क्या मीरा रोड को राजनीति के लिए ‘प्रयोगशाला’ के तौर पर देखा जा रहा है? इस सवाल पर देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मैं महाराष्ट्र के मिजाज को समझता हूं। महाराष्ट्र की भावना ऐसी है कि इस तरह के प्रयोग यहां काम नहीं आएंगे। मराठी लोग उदार हृदय वाले हैं। जब भारत पर हमला हुआ तो मराठी लोगों ने सिर्फ महाराष्ट्र के बारे में नहीं सोचा, उन्होंने पूरे देश के बारे में सोचा। इसलिए मराठी लोग कभी भी छोटी या संकीर्ण सोच नहीं रख सकते।” बता दें कि भाषा विवाद के बीच 29 जून को मीरा रोड इलाके में मनसे के कार्यकर्ताओं ने एक व्यापारी को पीटा था। कथित तौर पर मराठी नहीं बोलने के कारण व्यापारी से मारपीट हुई थी। इस कांड के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति हंगामा मचा हुआ है।
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