
नई दिल्ली: बिहार (Bihar) में चुनाव (Election) से पहले वोटर लिस्ट (Voter List) के ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (Special Intensive Revision) मामले पर चुनाव आयोग (Election Commission) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने SIR पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और चुनाव आयोग को तीन दस्तावेजों आधार कार्ड (Aadhaar Card), मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) और राशन कार्ड (Ration Card) स्वीकार करने का सुझाव दिया है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाओं में लोकतंत्र से जुड़ा अहम सवाल उठाया गया है, जो मतदान (Voting) के अधिकार से जुड़ा है. कोर्ट ने कहा, “याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के 24 जून के आदेश को चुनौती दे रहे हैं. इसे संविधान और कानून के प्रावधानों के खिलाफ बता रहे हैं.”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “याचिकाकर्ता ने रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स, 1960 का भी हवाला दिया है. चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि 2003 में भी इंटेंसिव रिवीजन हुआ था. अब भी सही तरीके से इसे चलाया जा रहा है. याचिकाकर्ता कहते हैं कि विधानसभा चुनाव नवंबर में है. अधिसूचना उससे पहले जारी होगी. हमारा मानना है कि इस पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है. हम SIR पर रोक नहीं लगा रहे हैं.”
जज ने कहा कि इस मामले पर अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी और उससे पहले सभी पक्ष जवाब दाखिल करें. सुनवाई के दौरान जज ने कहा, “आयोग के वकील ने कहा है कि वह सिर्फ 11 दस्तावेज तक सीमित नहीं हैं. हमारा सुझाव है कि चुनाव आयोग 3 दस्तावेजों आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड को स्वीकार करने पर भी विचार करें.”
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