
इन्दौर। आज सुबह नगर निगम के रिमूवल अमले ने जवाहर मार्ग से चंद्रभागा जाने वाले नए मार्ग पर मिट्टी कटाव के कारण खतरनाक स्थिति में आए 18 मकानों के हिस्से ढहाने की कार्रवाई शुरू की। इसके लिए सबसे बड़ी पोकलेन के साथ-साथ कई अन्य संसाधन लेकर पूरी टीमें सावधानी के साथ कार्रवाई को अंजाम दे रही थीं, क्योंकि मकानों के हिस्से जर्जर हो रहे थे। इनमें कई मकानों में सामान भरा था तो कुछ पर टावर लगे थे।
चार से पांच साल पहले नगर निगम ने जवाहर मार्ग से चंद्रभागा तक नई सडक़ के लिए कई बाधक मकान, दुकानों के हिस्से हटाने की कार्रवाई की थी और उसके बाद से कई मकान मिट्टी कटाव के चलते खतरनाक स्थिति में आ गए थे। इनमें कुछ मकान तो मिट्टी के टीलों पर 3 से 4 मंजिला तक बने हुए थे और उनकी हालत इतनी खस्ता थी कि बारिश के दौरान कोई भी बड़ा हादसा वहां हो सकता था, जिसके चलते नगर निगम के अधिकारियों ने कुछ दिनों पहले पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया था। इस दौरान 18 मकान चिह्नित किए गए थे, जो मिट्टी कटाव के कारण खतरनाक स्थिति में आ चुके थे और उन्हें आज सुबह ढहाने की कार्रवाई की गई।
रिमूवल विभाग की टीमें पूरे संसाधनों के साथ पुलिस बल लेकर कार्रवाई के लिए वहां पहुंची थीं, क्योंकि कई लोग नोटिसों के बावजूद मकानों के खतरनाक हिस्से हटाने को तैयार नहीं हुए थे। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक खतरनाक मकानों के लिए सबसे बड़ी पोकलेन बुलवाई गई थी और दो से तीन पोकलेन और जेसीबी तैनात कर कार्रवाई शुरू की गई। कार्रवाई करने वाली टीमों को निर्देश दिए गए थे कि सावधानीपूर्वक कार्रवाई को अंजाम दें, क्योंकि वहां कोई भी दुर्घटना होने का अंदेशा बना हुआ था।
नीचे मिट्टी के टीले, ऊपर तीन मंजिला मकान
जवाहर मार्ग से चंद्रभागा जाने वाले नए मार्ग पर 18 मकानों में से 8 से 10 मकान ऐसे थे, जो पूरी तरह मिट्टी के टीलों पर बनाए गए थे। पक्के निर्माण के यह मकान अब मिट्टी खिसकने के कारण खतरनाक हालत में थे और वहां कई परिवार इसके बावजूद रह रहे थे। कुछ मकानों पर टावर भी लगे हुए थे, जिसके कारण स्थिति और गंभीर थी। कुछ लोगों ने आज सुबह कार्रवाई के दौरान निगम अधिकारियों से सामान हटने की मोहलत मांगी तो अधिकारियों ने साफ मना करते हुए उन्हें वहां से हटा दिया।
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