img-fluid

मुख्यमंत्री बीमार, प्रदेश लाचार, बिहार में ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार – राजद नेता तेजस्वी यादव

July 14, 2025


पटना । राजद नेता तेजस्वी यादव (RJD leader Tejaswi Yadav) ने कहा कि मुख्यमंत्री बीमार (Chief Minister is Ill), प्रदेश लाचार (State Helpless), बिहार में ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार (Bullets are being fired in Bihar) । बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रदेश में हुए कई अपराधों को लेकर नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश की ।


उन्होंने प्रदेश की लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ताजा अपराध! बेखौफ अपराधी! पटना में वकील को गोली मारी, वैशाली में लड़की की हत्या, परसा में शिक्षक की गोली मारकर हत्या, मुख्यमंत्री बीमार, प्रदेश लाचार, बिहार में ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार!” प्रदेश में घट रही आपराधिक घटनाओं के अलावा मतदाता सूची पुनरीक्षण मामले को लेकर तेजस्वी लगातार सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं।

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण की कमियों की ओर इशारा किया। उन्होंने लिखा, “किसी को पावती या रसीद नहीं दी जा रही है, जिससे मतदाता यह प्रमाणित भी नहीं कर पा रहा कि उसका फॉर्म स्वीकार हुआ है या नहीं । न ही कोई ऐसा सिस्टम (एसएमएस, पोर्टल, हेल्पलाइन) है, जिससे मतदाता यह जान सके कि उसका फॉर्म स्वीकार हुआ या नहीं, उसमें कोई गलती तो नहीं है, दस्तावेज पूर्ण हैं या नहीं! पावती या फॉर्म स्टेटस की कोई ट्रैकिंग नहीं है। पावती नहीं देने, फॉर्म के बिना दस्तावेज अपलोडिंग, और एकतरफा अपलोडिंग की यह पूरी प्रक्रिया “मतदाता के सूचित सहमति के अधिकार का उल्लंघन है” जो भविष्य में नाम कटने, आपत्ति खारिज होने, या पक्षपातपूर्ण व्यवहार की आशंका को बढ़ाता है।”

उन्होंने लिखा, “आयोग का हर बीएलओ द्वारा तीन बार संपर्क करने का दावा सिर्फ कागजी दावा है। अधिकांश मतदाता तो ऐसे हैं जिनके पास बीएलओ आज तक नहीं पहुंचे। यह पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की मूल भावना के विरुद्ध है। बीएलओ को उच्चाधिकारियों द्वारा मौखिक आदेश दिए गए हैं कि किसी भी हाल में 25 जुलाई तक लक्ष्य पूरा करें, चाहे मतदाता मिलें या न मिलें। परिणामस्वरूप बिना दस्तावेज के ही फॉर्म जल्दबाजी में भरे जा रहे हैं। सादे ईएफ (बिना हस्ताक्षर, बिना अंगूठा, बिना दस्तावेज अटैचमेंट) को ही डिजिटली अपलोड किया जा रहा है। यह प्रक्रिया विधिक और नैतिक दोनों स्तरों पर आपत्तिजनक है।”

तेजस्वी ने बताया, “हमने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में जो दावे किए जा रहे हैं, वो उनकी आत्मसंतुष्टि और संख्यात्मक उपलब्धियों की रिपोर्ट तो हो सकती है, लेकिन यह जनता के बीच पनप रही वास्तविक शंकाओं, न्यायालय की टिप्पणियों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में मतदाताओं के अधिकारों के हो रहे हनन पर कोई जवाब नहीं देती। चुनाव आयोग द्वारा प्रेस विज्ञप्ति सुधार की बजाय आंख मूंद लेने का उदाहरण बन रही है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।”

Share:

  • क्या चुनाव आयोग भाजपा नीत गठबंधन का सहयोगी बन गया है ? - राजद सांसद मनोज कुमार झा

    Mon Jul 14 , 2025
    नई दिल्ली । राजद सांसद मनोज कुमार झा (RJD MP Manoj Kumar Jha) ने कहा कि क्या चुनाव आयोग (Has the Election Commission) भाजपा नीत गठबंधन का सहयोगी बन गया है (Become an ally of the BJP-led Alliance) ? बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के लोगों के मिलने पर […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved