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मंगल ग्रह से करोड़ों किलोमीटर की दूर से धरती पर गिरा था 25 किलो का पत्थर, कीमत जानकर रह जाएंगे हैरान

July 15, 2025

नई दिल्‍ली । 25 किलोग्राम के एक पत्थर के टुकड़े (stone rock) की कीमत 20 से 40 लाख डॉलर यानी 17 से 34 करोड़ रुपये के बीच आंकी गई है। आखिर यह पत्थर इतना खास क्यों है? दरअसल यह बेशकीमती पत्थर (precious stone) धरती का नहीं बल्कि मंगल ग्रह (Mars planet) से करोड़ों किलोमीटर की दूरी तय करके आया है। जानकारी के मुताबिक न्यूयॉर्क (New York) में नीलामी के लिए रखा गया यह पत्थर मंगल ग्रह का अबतक पाया गया सबसे बड़ा टुकड़ा है।

नीलामी घर ‘सोथबी’ बुधवार को प्राकृतिक इतिहास थीम पर आधारित नीलामी के एक भाग के रूप में ‘एनडब्ल्यूए 16788’ नाम के इस पत्थर को बिक्री के लिए रखेगा। इसके साथ ही एक किशोर ‘सेराटोसॉरस डायनासोर’ का कंकाल भी नीलामी के लिए रखा जाएगा, जो छह फुट से अधिक ऊंचा और लगभग 11 फुट लंबा है।

सहारा रेगिस्तान में गिरा था पत्थर
नीलामी घर के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि यह उल्कापिंड एक विशाल क्षुद्रग्रह की टक्कर के चलते मंगल ग्रह की सतह से उड़कर 14 करोड़ मील की दूरी तय करके पृथ्वी पर पहुंचा, जहां यह सहारा रेगिस्तान में गिर पड़ा।

सोथबी का कहना है कि मंगल ग्रह का यह टुकड़ा नवंबर 2023 में नाइजर में मिला था। नीलामी घर के अनुसार, लाल, भूरे और स्लेटी रंग का यह टुकड़ा पृथ्वी पर इससे पहले पाए गए मंगल ग्रह के सबसे बड़े टुकड़े से भी लगभग 70 प्रतिशत बड़ा है और यह इस ग्रह पर वर्तमान में मौजूद समस्त मंगल ग्रहीय सामग्री का लगभग सात प्रतिशत है।


सोथबी में विज्ञान और प्राकृतिक इतिहास की उपाध्यक्ष कैसंड्रा हैटन ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘यह हमें मिला मंगल ग्रह का अब तक का सबसे बड़ा टुकड़ा है। यह उस आकार से दोगुने से भी अधिक है जिसे हम पहले मंगल ग्रह का सबसे बड़ा टुकड़ा मानते थे’ यह एक दुर्लभ खोज भी है। सोथबी का कहना है कि पृथ्वी पर पाए गए 77,000 से ज़्यादा आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त उल्कापिंडों में से केवल 400 ही मंगल ग्रह के उल्कापिंड हैं।

हैटन ने कहा कि लाल ग्रह के अवशेष का एक छोटा सा टुकड़ा लिया गया और उसे एक विशेष प्रयोगशाला में भेजा गया, जहां पुष्टि हुई कि यह मंगल ग्रह का टुकड़ा है। उन्होंने बताया कि इसकी तुलना 1976 में मंगल ग्रह पर उतरे वाइकिंग अंतरिक्ष यान के दौरान खोजे गए मंगल ग्रह के उल्कापिंडों की विशिष्ट रासायनिक संरचना से की गई। सोथबी के अनुसार, जांच में पाया गया कि यह एक ‘‘ओलिवाइन-माइक्रोगैब्रोइक शेरगोटाइट’ है, जो मंगल ग्रह की मैग्मा के धीमे-धीमे ठंडा होने से बनी एक प्रकार की चट्टान है।

इसने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि मंगल ग्रह का यह उल्कापिंड पृथ्वी से कब टकराया, लेकिन परीक्षण से पता चलता है कि संभवतः यह हाल के वर्षों में हुआ होगा। सोथबी के अनुसार, किशोर सेराटोसॉरस नासिकॉर्निस डायनासोर का कंकाल 1996 में लारामी, व्योमिंग के पास बोन केबिन क्वारी में पाया गया था। विशेषज्ञों ने कंकाल को पुनः रूप देने के लिए लगभग 140 जीवाश्म हड्डियों को कुछ गढ़ी हुई सामग्रियों के साथ जोड़ा और इसे इस प्रकार स्थापित किया कि यह प्रदर्शनी के लिए तैयार हो जाए।

नीलामी घर ने कहा कि यह कंकाल लगभग 15 करोड़ साल पहले, जुरासिक काल के उत्तरार्ध का माना जाता है तथा इसकी नीलामी का अनुमान मूल्य 40 लाख से 60 लाख डॉलर है। बुधवार की नीलामी सोथबी के गीक वीक 2025 का हिस्सा है और इसमें 122 वस्तुएं शामिल हैं, जिनमें अन्य उल्कापिंड, जीवाश्म और रत्न-गुणवत्ता वाले खनिज शामिल हैं।

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