
नई दिल्ली । शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) की बैठक (Meeting) के लिए चीन (China) पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान वांग यी ने दोनों देशों के बीच जारी संघर्षों और मतभेदों को उचित ढंग से निपटाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस बात पर जोर दिया था कि मतभेद विवाद नहीं बनना चाहिए और न ही एक अच्छी प्रतिस्पर्धा संघर्ष में बदलनी चाहिए।
चीन और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी का असर भी देखने को मिला। वांग यी ने इस बात पर भी जोर दिया कि चीन भारत के साथ मिलकर एक बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर काम करने और ग्लोबल प्रोडक्शन और सप्लाई चैन में स्थिरता को लेकर भी काम करने को तैयार है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक वांग यी ने भारत और चीन के बारे में कहा, “दोनों देशों को एक-दूसरे पर शक करने की बजाय एक-दूसरे पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ना चाहिए…एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय आपसी सहयोग की तरफ आगे बढ़ना चाहिए… दोनों की सफलता इसी बात में निहित है कि दोनों देश एक साथ आ जाएं। दोनों देशों को इसके लिए लंबे समय के लिए योजनाएं बनानी होंगी।”
वांग यी के इस बयान के पहले इसी बैठक में जयशंकर ने भी दोनों देशों के बीच में साझा दूरदर्शी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत और चीन ने आपस में कूटनीतिक संबंधों के 75 साल पूरे कर लिए हैं और दोनों देशों के प्रतिनिधि कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में मिल चुके हैं। उन्हें उम्मीद है कि ऐसी बैठक भारत और चीन में भी हो सकती है।
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